प्रयागराज :महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरि (Anand Giri) की जमानत अर्जी स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दी है. इससे पूर्व भी दो बार निचली कोर्ट से आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. बुधवार को इस मामले पर सुनवाई हुई थी. गुरुवार को स्पेशल कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.
सुनवाई के दौरान सीबीआई (CBI) की तरफ से आनंद गिरि की जमानत का पुरजोर तरीके से विरोध किया गया. सीबीआई के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि अगर आनंद गिरि जमानत पर रिहा हो गया तो मामले की विवेचना को प्रभावित कर सकता है. आनंद गिरि को जमानत मिलने के बाद केस की जांच प्रभावित हो सकती है. इन तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
आनंद गिरि 22 सितंबर से नैनी सेंट्रल जेल (Naini Central Jail) में बंद है. जनपद न्यायालय में आनंद गिरि की जमानत अर्जी दो बार सुनवाई के बाद खारिज हो चुकी है. आनंद गिरि की तरफ से 22 सितंबर को भी जमानत अर्जी दाखिल की गई थी जिसे सीजेएम कोर्ट ने तुरंत खारिज कर दिया था.
इसके बाद दूसरी जमानत अर्जी 28 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट ने खारिज की थी. उस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था की इस मामले की सुनवाई का सीजेएम कोर्ट को अधिकार नहीं है. इस वजह से सेशन कोर्ट में इसकी अर्जी दाखिल की जाए. तीसरी बार आनंद गिरि की जमानत के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम स्पेशल कोर्ट को नामित किया गया था. यहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.
जनपद न्यायालय से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब आनंद गिरि के पास हाई कोर्ट जाने का विकल्प खुल गया है. अब आनंद गिरि की तरफ से उनके वकील जमानत के लिए हाई कोर्ट की शरण मे जाएंगे. निचली अदालतों से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब आनंद गिरि की तरफ से जल्द ही हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की जाएगी.
गौरतलब है कि 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. पुलिस ने आरोपी आनंद गिरि को गिरफ्तार कर नैनी जेल भेज दिया था. तभी से इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है.
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