दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस टेलीस्कोप लॉन्च, अंतरिक्ष में धूल-गैस के बादलों के पार देखने की क्षमता

अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा ने दुनिया का सबसे बड़ा और ताकतवर जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope) सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. इस नेक्स्ट जेनरेशन स्पेस टेलिस्कोप के निर्माण में करीब दस अरब डॉलर लागत आई है.

space telescope
दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस टेलीस्कोप लॉन्च

By

Published : Dec 25, 2021, 7:01 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 10:59 PM IST

कौरो (फ्रेंच गुयाना) : विश्व की सबसे बड़ी और सर्वाधिक शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन शनिवार को अपने अभियान पर रवाना हो गई जो आरंभिक तारों और आकाशगंगाओं की खोज के साथ ही जीवन के संकेतों का पता लगाने के लिए ब्रह्मांड की पड़ताल करेगी.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की 'जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन' ने दक्षिण अमेरिका के उत्तर-पूर्वी तट स्थित फ्रेंच गुयाना अंतरिक्ष केंद्र से क्रिसमस की सुबह यूरोपीय रॉकेट 'एरियन' पर सवार होकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी.

लगभग 10 अरब डॉलर की लागत से बनी यह वेधशाला अपने गंतव्य तक पहुंचने में 16 लाख किलोमीटर या चंद्रमा से चार गुना अधिक दूरी की यात्रा तय करेगी. इसे वहां पहुंचने में एक महीने का समय लगेगा और फिर अगले पांच महीनों में इसकी अवरक्त आंखें ब्रह्मांड की पड़ताल शुरू करने के लिए तैयार होंगी. नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था, 'यह हमें हमारे ब्रह्मांड और उसमें हमारे स्थान की बेहतर समझ देने जा रही है कि हम कौन हैं, हम क्या हैं.' हालांकि उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा था, 'जब आप एक बड़ा पुरस्कार चाहते हैं, तो आपके सामने आमतौर पर एक बड़ा जोखिम होता है.'

दुनियाभर में खगोलविदों को इस दूरबीन के प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार था. अंतिम-मिनट की तकनीकी खराबी ने प्रक्षेपण को लगभग एक सप्ताह तक प्रभावित किया.

आज नियंत्रण कक्ष में मौजूद लोगों ने सांता टोपियां पहन रखी थीं. दूरबीन के प्रक्षेपण के बाद केंद्र में तालियों की गड़गड़ाहट हुई और उत्साही वैज्ञानिकों ने एक-दूसरे को गले लगाया. वे दूरबीन का नाम लेकर चिल्ला रहे थे, 'गो वेब (जाओ वेब).' एरियनस्पेस के मुख्य कार्याधिकारी स्टीफन इज़राइल ने प्रक्षेपण के बाद कहा, 'हमने आज सुबह मानवता के लिए प्रक्षेपण किया.'

2004 में शुरू हुआ था निर्माण
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप दशकों पहले भेजे गए हबल टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी है. इसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है. इसके निर्माण की शुरुआत 2004 में हुई थी. 29 देशों के हजारों वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने स्पेस टेलीस्कोप के निर्माण में मेहनत की है. इस नए टेलिस्कोप में एक गोल्डेन मिरर लगा हुआ है, जिसकी चौड़ाई करीब 21.4 फीट (6.5 मीटर) तक बढ़ाई जा सकती है है. इसे मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है. हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है. 29 दिनों के दौरान, टेलीस्कोप अपने मिरर को पूरी तरह खोलेगा तो यह एक टेनिस कोर्ट के आकार का हो जाएगा.

नासा का दावा है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इंफ्रारेड रेंज में लाइट की पहचान करेगा. इससे खगोलविज्ञानी, अंतरिक्ष में धूल और गैस के बादलों के पार देख पाएंगे और स्पष्ट तस्वीरें हासिल कर पाएंगे.

इनके नाम पर नामकरण

जेम्स वेब नासा के दूसरे निदेशक थे. वह 1961 से 1968 तक नासा के प्रशासक बने रहे. उससे पहले वह अमेरिकी विदेश विभाग में अंडर सेकेट्री के पद पर काम करते थे. नासा के तत्कालीन प्रशासक जेम्स वेब के सम्मान में निर्माणाधीन दूरबीन का नाम रखा था. पहले इसे नेक्स्ट जेनरेशन स्पेस टेलिस्कोप का नाम दिया गया.

पढ़ें- अंतरिक्ष मिशन : भारतीय मूल के डॉक्टर अनिल मेनन नासा के 10 अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल

Last Updated : Dec 25, 2021, 10:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details