लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर हमें अपमानित न किया जाए. मुझे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण नहीं मिला है. अगर वह कहते हैं कि कोरियर से आमंत्रण पत्र भेजा है तो उसकी रसीद हमें दे दीजिए. कहा कि मैंने अपने घर में खोजबीन की है, लेकिन कोई आमंत्रण पत्र नहीं मिला है.
पिछले कई दिनों से राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में न जाने को लेकर अखिलेश पर बीजेपी लगातार हमलावर है. विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि सभी दलों के प्रमुख लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे गए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी निमंत्रण पत्र भेज दिया गया है. इसके जवाब में अखिलेश ने कहा था कि आमंत्रण पत्र नहीं मिला है और हम आलोक कुमार को जानते भी नहीं हैं. इसलिए आमंत्रण पत्र स्वीकार नहीं किया है.
इसके बाद से लगातार सपा प्रमुख पर हमले तेज हो गए हैं. जिसके बाद सपा कार्यालय में इस प्रकरण पर सफाई दी. कहा कि हमें अभी तक हमें आमंत्रण पत्र नहीं मिला है. अगर कोरियर के माध्यम से भेजा गया है तो हमें उसकी रसीद दीजिए. कहा कि भगवान श्री राम के नाम पर अपमानित मत करिए. अखिलेश ने स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर माल्यार्पण करने के बाद एक कैलेंडर का विमोचन किया. साथ ही समाजवादी कार्यकर्ता नदीम फारुकी द्वारा लिखी संघर्ष के 5 साल पुस्तक का विमोचन भी किया.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के अंतर्गत चुनाव मैदान में उतरने जा रही है. सीट शेयरिंग पर लगातार बातचीत जारी है. कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी जाति जनगणना की मांग एक बार फिर दोहराती है और भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास करने की जो बात कहती है, वह सिर्फ दिखावा है. भारतीय जनता पार्टी के राज में अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है और हर वर्ग के लोग परेशान हैं. आज कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है महंगाई बेरोजगारी से लोग परेशान हैं.