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भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ जांच से पहले मंजूरी मांगने वास्ते पुलिस के लिए एसओपी जारी

कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार केंद्र सरकार ने कथित रूप से भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ कोई भी जांच से पहले अनिवार्य पूर्व अनुमति मांगने के लिहाज से पुलिस अधिकारियों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी की हैं.

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Published : Sep 6, 2021, 8:10 PM IST

servants
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नई दिल्ली : तीस साल से अधिक पुराने भ्रष्टाचार रोकथाम (पीसी) अधिनियम 1988 में जुलाई 2018 में हुए एक संशोधन में किसी भी पुलिस अधिकारी के कथित रूप से किसी लोक सेवक द्वारा किए गए अपराध के मामले में अधिकारियों की पूर्व मंजूरी के बिना जांच या पूछताछ करने पर रोक लगाई गई है.

अब इसके लिए कार्मिक मंत्रालय ने एओपी जारी किया है. संशोधन प्रभाव में आने के तीन साल से भी अधिक समय बाद पूर्व अनुमति की प्रक्रिया के एकसमान तथा प्रभावी क्रियान्वन के मद्देनजर प्रक्रियाओं के मानकीकरण के लिए एसओपी जारी की गई.

केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के सचिवों को जारी आदेश में कहा गया कि इन एसओपी में किसी पुलिस अधिकारी द्वारा प्राप्त सूचना की चरणवार प्रक्रिया का प्रावधान है. इसमें पूर्व अनुमति मांगने के लिए पुलिस अधिकारी के दर्जे का उल्लेख है.

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जांच एजेंसियों के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालयों तथा विभागों समेत सभी प्रशासनिक प्राधिकारों को एसओपी का सख्ती से अनुपालन करने को कहा गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के साथ एसओपी को साझा किया गया है और अनुरोध किया गया है कि सभी क्षेत्रीय इकाइयों को इन एसओपी के कड़ाई से पालन की जानकारी हो.

(पीटीआई-भाषा)

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