उज्जैन।कोरोना काल में देशवासियों के लिए मसीहा बनकर उभरे फिल्म अभिनेता सोनू सूद शुक्रवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने पत्नी सोनाली के साथ भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. दर्शन के बाद उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि, बाबा महाकाल के दर्शन कर विश्व कल्याण की कामना की है (Sonu Sood help child suffering from rare disease). भगवान से ऐसी शक्ति मांगी है, जिसके जरिए वो हर जरूरतमंद की मदद कर सकें. इस दौरान उनके पास एक परिवार दुर्लभ बीमारी से पीड़ित अपने बच्चे की जान बचाने की गुहार लेकर पहुंचा.
स्पाइन मस्कुलर बीमारी से ग्रसित बच्चे से सोनू की मुलाकात:सोनू सूद ने उज्जैन में दुर्भल स्पाइन मस्कुलर बीमारी से पीड़ित बच्चे अथर्व से मुलाकात की. मां ने सोनू सूद के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा, आप से ही उम्मीद है, बचा लो मेरे बच्चे को. अथर्व बचपन से स्पाइन मस्कुलर एट्रॉफी sma-2 बीमारी से ग्रस्त है. सोनू सूद ने न सिर्फ पीड़ित बच्चे के माता पिता के साथ बच्चे का दुख बांटा, उन्हें आश्वासन दिया कि अथर्व के इलाज में वो हर संभव मदद भी करेंगे(rare disease spine muscular atrophy). यही नहीं, सोनू सूद ने लोगों से भी अपील की है कि, वो बच्चे के इलाज के लिए जितना संभव हो दान करें. बच्चे के इलाज में लगने वाले एक इंजेक्शन की ही कीमत 16 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
बच्चे के पिता पहले ही सरकार से लगा चुकें है गुहार: पत्रकारों से बात करते हुए सोनू सूद ने बताया कि, मैं मुंबई पहुंचने से पहले ही मेरी टीम को इस कार्य के लिए लगाता हूं. आप चिंता ना करें शायद बाबा महाकाल ने इसीलिए मुझे यहां बुलाया है. अथर्व के पिता ने कहा मेरे बच्चे को दुर्भाग्यपूर्ण स्पाइन मस्कुलर एट्रोफी (SMA-2) नामक बीमारी हो गई है और उसे 16 करोड़ का इंजेक्शन लगना है. बच्चे के पिता ने उन्हें बताया कि वे मुख्यमंत्री शिवराज और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दोनों से मदद के लिए गुहार लगा चुके हैं (spine muscular atrophy disease in MP), लेकिन दोनों का 2 माह बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला है. दरअसल ये परिवार शहर के कानीपुरा स्थित तिरुपति धाम का रहने वाला है.
क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी: स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA-2) से पीड़ित बच्चों के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता. इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं (Nerves) खत्म होने लगती हैं. दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी भी कम होने लगती है. ब्रेन से सभी मांसपेशियां संचालित होती हैं, इसलिए सांस लेने और खाना चबाने तक में दिक्कत होने लगती है. SMA कई तरह की होती है,
1.सबसे गंभीर बीमारी होती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में अभी तक 5 लोगों और दुनिया में करीब 600 लोगों को SMA बीमारी के इलाज के लिए जोलगेन्स्मा का इंजेक्शन लगा है, जिन्हें लगा है उन्हें भी 60 प्रतिशत ही फायदा मिला है.