नई दिल्ली :कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress chief Sonia Gandhi) ने शनिवार को दलित नेता बृजलाल खाबरी (Brij Lal Khabri) को उत्तर प्रदेश इकाई का प्रमुख चुना. पिछले तीन दशकों में, कांग्रेस ने अपने पारंपरिक दलित वोट बैंक को बसपा के हाथों खो दिया. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में यूपी में कांग्रेस और बसपा दोनों ही हाशिए पर रहे हैं, लेकिन पुरानी पार्टी अब लुप्त होती बसपा से लाभ उठाने की कोशिश कर रही है.
2017 में, 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में कांग्रेस के पास केवल 7 सीटें थीं, जबकि बसपा के पास 19 सीटें थीं. जबकि 2022 में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 और बसपा के पास सिर्फ 1 सीट रह गई. बृजलाल खाबरी, वर्तमान में बिहार के प्रभारी AICC सचिव हैं. बृजलाल खाबरी 2016 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. सोनिया गांधी ने छह क्षेत्रीय प्रभारी भी नियुक्त किए हैं, जो बड़े और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य के प्रबंधन में नए राज्य इकाई प्रमुख की सहायता करेंगे.
दिलचस्प बात यह है कि उनमें से दो नसीमुद्दीन सिद्दीकी और नकुल दुबे भी बसपा से हैं, जो पिछले वर्षों में कांग्रेस में शामिल हुए थे. मायावती सरकार में पूर्व मंत्री रहे सिद्दीकी 2019 के लोकसभा चुनाव से एक साल पहले 2018 में कांग्रेस में चले गए थे, जबकि विधानसभा चुनावों में बसपा के खराब प्रदर्शन के बाद दुबे इस साल मई में सबसे पुरानी पार्टी में चले गए थे.
2022 के विधानसभा चुनावों के बाद सोनिया ने तत्कालीन राज्य इकाई के प्रमुख अजय कुमार लल्लू को इस्तीफा देने के लिए कहा था.विभिन्न कारणों से नए व्यक्ति की नियुक्ति में देरी हुई थी. हालांकि कांग्रेस ने शनिवार को नई नियुक्तियों के जरिए दलितों को कड़ा संदेश दिया है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यूपी में पार्टी को फिर से मजबूत करना एक कठिन काम है.
खाबरी ने कहा, चुनौतियों का डटकर मुकाबला करेंगे :खाबरी ने कहा, 'कई चुनौतियां हैं लेकिन हम उनका डटकर मुकाबला करेंगे. मेरी पहली प्राथमिकता पार्टी को एकजुट करना और संगठन को मजबूत बनाना होगा.' उनके अनुसार, कांग्रेस के पास बसपा के कम हो रहे जनाधार का लाभ उठाने का अवसर है. खाबरी ने कहा कि 'दलित हमारे पास वापस आएंगे. बसपा खत्म हो गई है. बसपा में जो जनाधार था, मैं उसे जुटाऊंगा और कांग्रेस को फिर से संगठित करूंगा.' उन्होंने कहा, 'मैं उस भरोसे पर खरा उतरूंगा जो सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने मुझ पर जताया है.'
सपा के मुस्लिम वोट बैंक पर ये कहा :यह पूछे जाने पर कि वह सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी सपा से कैसे मुकाबला करने की योजना बना रहे हैं. यूपी कांग्रेस के नए प्रमुख ने कहा, 'भाजपा सामाजिक ध्रुवीकरण के कारण जीतती है. अगर सपा के 14 फीसदी मुस्लिम समर्थकों को हटा दिया जाए तो उनकी हालत बसपा से भी बदतर हो जाएगी. हम दोनों से लड़ेंगे.'
यूपी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नेहरू-गांधी परिवार का गृह राज्य है. सोनिया गांधी लोकसभा में रायबरेली से एकमात्र पार्टी सांसद हैं. राहुल गांधी ने 2019 में अपना गढ़ अमेठी खो दिया था.