नई दिल्ली :कर्नाटक जीतने के बाद कांग्रेस की नजर अब पड़ोसी राज्य तेलंगाना पर है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. तेलंगाना के स्थापना दिवस 2 जून पर भव्य पुरानी पार्टी की हैदराबाद में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है.
तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे के अनुसार, '2 जून को कांग्रेस इस तथ्य को उजागर करेगी कि तेलंगाना 2014 में पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश से अलग होकर बना था, लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार ने राज्य की उपेक्षा की. सोनिया गांधी जून के पहले सप्ताह में राज्य की स्थापना की वर्षगांठ के अवसर पर एक रैली को संबोधित करने के लिए तेलंगाना जाएंगी और बीआरएस सरकार को निशाने पर लेते हुए पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगी.'
तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे (Manikrao Thakare) ने ईटीवी भारत को बताया कि 'हमें बहुत खुशी होती अगर सोनिया गांधी 2 जून के राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होतीं. हमने उनसे अनुरोध किया था लेकिन उनके पहले से तय कार्यक्रम हैं इसलिए वह 5 जून के बाद राज्य का दौरा करेंगी.'
ठाकरे ने कहा कि 'सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राज्य के निर्माण के लिए आंदोलन का समर्थन किया और लोगों की पुरानी मांग का समर्थन करके राजनीतिक जोखिम उठाया.'
2014 में कांग्रेस ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों में अपने फैसले से राजनीतिक लाभ लेने की उम्मीद की थी, लेकिन विधानसभा और राष्ट्रीय चुनावों दोनों में खराब प्रदर्शन किया. तेलंगाना में बीआरएस (तत्कालीन टीआरएस) जीती जबकि आंध्र प्रदेश में टीडीपी जीती. तब से कांग्रेस को दो क्षेत्रीय दलों से शिकायत रही है.
ठाकरे ने कहा कि 'नए राज्य के निर्माण का श्रेय कांग्रेस को जाना चाहिए था. बीआरएस ने लोगों से बहुत वादे किए थे लेकिन उन्हें पूरा करने में विफल रही है. राज्य समर्थक आंदोलन में भाग लेने वाले युवा आज बेरोजगार हैं और जो मारे गए उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है.'