नई दिल्ली : कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी शिकस्त पर रविवार को मंथन करने के साथ ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया गया कि वह संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक अध्यक्ष बनी रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि संसद का बजट सत्र खत्म होते ही 'चिंतन शिविर' का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक पार्टी मुख्यालय में करीब साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक चली. बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि सभी ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया और उनसे आग्रह किया कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए जरूरी बदलाव करें. उन्होंने बताया कि संसद के बजट सत्र के तत्काल बाद 'चिंतन शिविर' का आयोजन होगा.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि हर नेता ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया और संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बैठक में हर चुनावी राज्य के प्रभारियों एवं वरिष्ठ नेताओं ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष समग्र रिपोर्ट पेश की. सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की यह भावना रही है कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद की कमान संभाले, लेकिन अध्यक्ष का फैसला संगठनात्मक चुनाव के माध्यम से ही होगा.
वहीं, सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस का नेतृत्व करेंगी और भविष्य में भी वही निर्णय लेंगी. हम सभी को उनके नेतृत्व पर भरोसा है.
इस बैठक में सोनिया गांधी के अलावा, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कई अन्य नेता शामिल हुए. इसमें 'जी 23' समूह के नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक भी शामिल हुए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए। वरिष्ठ नेता ए के एंटनी कोविड 19 से संक्रमित होने के कारण बैठक में मौजूद नहीं हो सके.
इस महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले मीडिया के एक हिस्से में खबर आई थी कि गांधी परिवार पार्टी के पदों से इस्तीफे की पेशकश कर सकता है, हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस खबर का खंडन करते हुए इसे 'गलत एवं शरारतपूर्ण' करार दिया था. बैठक से पहले, गहलोत, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार और कई अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा कि आज के समय में राहुल गांधी देश के इकलौते नेता हैं, जो पूरे दमखम के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर रहे हैं. वहीं, डीके शिवकुमार ने ट्वीट किया, 'जैसा मैंने पहले कहा है कि राहुल गांधी को तत्काल पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा है.'
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सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान पार्टी के कई नेता एवं कार्यकर्ता पार्टी के मुख्यालय के निकट एकत्र हुए और राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की तथा उन्हें पार्टी की कमान एक बार फिर से सौंपने की मांग की. यह अहम बैठक ऐसे समय हुई है, जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के 'जी 23' समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई. राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए थे.