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सोनिया गांधी के 'सख्त संदेश' के बाद बदले गुलाम नबी आजाद के सुर

नई दिल्ली में शनिवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया और कहा कि वह ही कांग्रेस की पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के सुर बदले दिखाई दिए.

गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद

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Published : Oct 16, 2021, 1:50 PM IST

Updated : Oct 16, 2021, 2:03 PM IST

नई दिल्ली :सोनिया गांधी ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले नेताओं (जी-23 समूह) को स्पष्ट संदेश दिया और कहा कि वह ही कांग्रेस की पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं. दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई.

सोनिया गांधी के बयान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के सुर बदले नजर आए. उन्होंने कहा कि हमें (जी-23 नेताओं को) सोनिया गांधी की लीडरशिप पर कोई सवाल नहीं है. सूत्रों के मुताबिक आजाद ने कहा, 'हमें सोनिया गांधी जी पर पूरा भरोसा है और कोई उनके नेतृत्व पर सवाल नहीं उठा रहा है.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा, 'अगर आप मुझे ऐसा कहने की अनुमति देते हैं तो मैं कहती हूं कि मैं ही कांग्रेस की फुल टाइम अध्यक्ष हूं, मेरे लिए मीडिया के जरिए बात करने की जरूरत नहीं है.'

सोनिया ने कहा कि हमने कभी भी लोक महत्व के मुद्दों पर टिप्पणी करने से इनकार नहीं किया. पार्टी में संगठन चुनाव पर सोनिया ने कहा कि संगठन चुनाव का पूरा खाका आपके सामने आ रहा है. बता दें कि कुछ ही दिन पहले कपिल सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस के फैसले कौन लेता है ये उन्हें समझ में नहीं आ रहा है.

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कुछ दिन पहले ही पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. कपिल सिब्बल ने कहा था कि आज कोई पार्टी अध्यक्ष नहीं है, तो सवाल उठता है कि पार्टी में फैसले कौन ले रहा है?

उन्होंने कहा था कि हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं. कई नेता पार्टी छोड़कर चले गए. सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें यह खुद सोचना होगा कि शायद हमारी भी कोई गलती रही होगी. इसलिए कांग्रेस आलाकमान को जल्द से CWC की बैठक बुलानी चाहिए.

साथ ही उन्होंने कहा था कि हम सब कुछ हो सकते हैं लेकिन जी-23, जी हुजूर नेता नहीं हैं. जी-23 समूह केवल पार्टी के हितों की ही बात करता है.

इसी साल मार्च में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के 'असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुले तौर पर सवाल उठाए थे और संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी.

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इन असंतुष्ट नेताओं के गुट को जी-23 नाम दिया गया था. खुले तौर पर पार्टी के खिलाफ अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. कांग्रेस चिंतित है क्योंकि यह पार्टी के भीतर एक विभाजन दिखा रहा है जो आगामी चुनावों में प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है.

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Last Updated : Oct 16, 2021, 2:03 PM IST

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