नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद विपक्ष की तरफ से बोलते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Choudhary) ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को मॉडर्न इंडिया का आर्किटेक्ट बताते हुए कहा कि उन्होंने एक कठिन समय में देश की बागडोर संभाली थी.
चौधरी ने 14-15 अगस्त, 1947 को आधी रात में संविधान सभा में जवाहर लाल नेहरू द्वारा दिए गए ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' को याद करते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू के साथ ही उस समय संविधान सभा के हर सदस्य ने यह शपथ ली थी कि सब मिलकर देश को आगे बढ़ाएंगे.
नेहरू की दूरदर्शिता और विक्रम साराभाई की अगुवाई में इसरो बना, 1975 में देश ने आर्यभट्ट सैटेलाइट लॉन्च किया. लेकिन, आज इंडिया और भारत की बात करने वाले बताएं कि चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद अब इसरो को क्या कहेंगे, उसमें भी इंडिया लगा है.
अधीर रंजन चौधरी के भाषण के दौरान सोनिया गांधी लगातार उन्हें गाइड करती रहीं और महत्वपूर्ण पॉइंट्स बताती रहीं. भाषण के दौरान ही सोनिया गांधी ने अधीर रंजन चौधरी को महिला आरक्षण पर बोलने की याद दिलाई, जिसके बाद चौधरी ने मोदी सरकार से महिला आरक्षण बिल पारित करने की भी मांग की.
बाद में सोनिया गांधी ने अधीर रंजन चौधरी के भाषण की तारीफ करते हुए उन्हें 'वेरी गुड' भी कहा. अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में एनडीए के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जमकर तारीफ करते हुए मोदी सरकार पर निशाना भी साधा.
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह मौन नहीं थे, वह बात कम और काम ज्यादा करते थे. चौधरी ने मोदी सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए पूछा कि यह 75 साल का अमृतकाल कहां से लाया गया ?
विपक्षी दलों के प्रति मोदी सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वे तो यह चाहते हैं कि आज की हालत में संसद में ऐसी परंपरा शुरू की जाए कि विपक्ष के लिए भी एक दिन रखा जाए, जिस दिन सिर्फ विपक्ष ही बोले. उसी समय सदन में उनके बगल में अलग और दूसरी टेबल पर बैठी सोनिया गांधी ने उन्हें महिला आरक्षण पर बोलने को कहा.
सोनिया गांधी की सलाह मानते हुए अधीर रंजन चौधरी ने सरकार से महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग करते हुए कहा कि उनकी नेता सोनिया गांधी ने कई बार महिला आरक्षण लाने की मांग की, उन्हीं (सोनिया गांधी) की अगुवाई में उनकी सरकार के समय राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल पास हुआ था, लेकिन, यह अभी तक साकार नहीं हो पाया है, यह देशवासियों की मांग है कि सरकार महिला आरक्षण बिल को पारित करें.