औरंगाबाद :कोरोना के कारण कई लोगों का रोजगार छिन गया है, जिससे रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) में एक शख्स के साथ हुआ. नौकरी नहीं हाेने की वजह से उसके लिए मां, पत्नी और दो बच्चों के परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया था.
बेटे ने मां काे भेजा वृद्धाश्रम
इस वजह से उसने एक पत्र (letter) लिखा, 'मैं अपनी मां की देखभाल नहीं कर सकता, आप कृपया उनका ख्याल रखें'. फिर उसने यह पत्र अपनी मां को दिया और उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया. यह मामला मातोश्री वृद्धाश्रम (Matoshri Old Age Home) से जुड़ा है. इसके बाद पिछले कुछ दिनों तक 64 वर्षीय महिला औरंगाबाद के पैठण रोड स्थित 'मातोश्री ओल्ड एज होम' के प्रबंधक सागर पगोरे से उसे वृद्धाश्रम में ले जाने की गुहार लगा रही थी. हालांकि, नियम के अनुसार वहां प्रवेश रिश्तेदारों या पुलिस के माध्यम से ही दिया जाएगा. इसलिए बेटे द्वारा लिखा पत्र लेकर पुंडलिक नगर थाने ( Pundalik Nagar Police Station ) पहुंच गई. पुलिस की मदद से अंततः वृद्धा को मातोश्री वृद्धाश्रम में भर्ती कराया गया.
बता दें कि डेढ़ साल से बेटे की नौकरी नहीं है. बूढ़ी मां का इकलौता बेटा पुणे के एक कोर्ट में किताबें बेचा करता था. कोरोना के चलते किताब बेचने का धंधा बंद हो गया था. आर्थिक तंगी के साथ-साथ बूढ़ी महिला और उसकी बहू ( daughter-in-law.) के बीच विवाद शुरू हाेने लगा तो मां ने वृद्धाश्रम जाने की इच्छा जताई.