विकासनगर (उत्तराखंड):छत्तीसगढ़ के ताड़मेटला नक्सली हमले को 10 साल हो गए. एक दशक बाद भी शहीद जवानों के परिजनों के जख्म ताजे हैं. इस हमले में उत्तराखंड के देहरादून जिले के रहने वाले टीकम सिंह चौहान भी शहीद हुए थे. उनके जाने के बाद परिवार की मानों खुशियां आधी हो गई हों.
विकासनगर के रहने वाले थे शहीद टीकम सिंह
देहरादून के चकराता तहसील के जामुवा गांव के रहने वाले शहीद सीआरपीएफ जवान टीकम सिंह चौहान पांच बहनों और दो भाइयों में पांचवें थे. 18 साल की उम्र में वे सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे..अप्रैल 2009 में वे कमलेश चौहान के साथ शादी के बंधन में बंधे..अगले साल जनवरी 2010 में उनके घर बेटे ने जन्म लिया.
बेटा करीब ढाई महीने का हुआ था कि उसके सिर से पिता का साया उठ गया. 6 अप्रैल 2010 को ताड़मेटला में गश्त पर निकले जवानों में टीकम सिंह भी शामिल थे, जो नक्सलियों का मुकाबला करते हुए शहीद हए थे.
10 सालों में काफी उतार-चढ़ाव देखे
आंखों में आंसू लिए शहीद टीकम सिंह की पत्नी कमलेश चौहान बताती हैं कि 10 वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले. इस दौरान उन्हें नौकरी का भी प्रस्ताव आया था, लेकिन उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए बेट को सेना में अफसर बनाने की ठानी है.