शिरडी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार (NCP founder Sharad Pawar) पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के कुछ लोगों ने किसानों के नाम पर केवल राजनीति की जिन्हें पहले अपनी उपज की बिक्री से पैसा पाने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था. पवार संप्रग सरकार में कृषि मंत्री थे.
मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय का असली अर्थ गरीबी से मुक्ति और जब देश के गरीबों को जीवन में आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिलते हैं. प्रधानमंत्री पश्चिमी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिरडी में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और राज्य के किसानों के लिये वित्तीय सहायता योजना की शुरुआत करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सच्चे इरादों के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है.
मोदी ने पवार का नाम लिए बिना कहा, 'किसानों के नाम पर वोट की राजनीति करने वालों ने आपको पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसा दिया. महाराष्ट्र में कुछ लोगों ने किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति की। महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नेता ने देश के कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया. मैं व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है?' राकांपा संस्थापक ने केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार (2004-14) के दौरान कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया. मोदी ने कहा कि जब पवार केंद्रीय कृषि मंत्री थे तो किसानों को बिचौलियों की दया पर निर्भर रहना पड़ता था.
उन्होंने कहा, 'जब वह कृषि मंत्री थे, तो महीनों तक किसानों को अपने पैसे के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था. हमारी सरकार ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में दिया.' प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में उनकी सरकार के सत्ता संभालने के बाद एमएसपी तंत्र के तहत फसलों की खरीद में कई गुना वृद्धि हुई है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के संदर्भ में मोदी ने कहा, 'सात वर्ष में एमएसपी के तहत (मोदी सरकार द्वारा) 13.5 लाख करोड़ रुपये का अनाज खरीदा गया, जबकि पिछली सरकार में एक वरिष्ठ नेता के कार्यकाल के दौरान यह आंकड़ा महज 3.5 लाख करोड़ रुपये था.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले, दलहन और तिलहन की खरीद केवल 500 करोड़ रुपये से 600 करोड़ रुपये तक होती थी, लेकिन उनकी सरकार ने इन उत्पादों के लिए किसानों को 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं. रबी (सर्दियों) की फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया फैसले पर, मोदी ने सभा को बताया कि चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 105 रुपये और गेहूं और कुसुम (तिलहन की एक प्रजाति) का 150 रुपये बढ़ाया गया है.