दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक : जेडीएस में दरार, कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी, कुछ जाने को बेकरार

एक तरफ जेडीएस शीर्ष नेतृत्व पार्टी को जमीनी स्तर पर संगठित करने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ पार्टी से अलग होने की कगार पर बैठे कुछ नेताओं की चुप्पी रहस्यमय बनी हुई है. हालांकि आगामी पंचायत चुनाव से पहले स्थिति स्पष्ट हो सकती है.

Some
Some

By

Published : Aug 22, 2021, 3:24 AM IST

बेंगलुरू :कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के मार्गदर्शन में जमीनी स्तर से पार्टी को संगठित करने में जुटे हुए हैं. इसलिए एचडी कुमारस्वामी जिलों का दौरा करने की तैयारी कर रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर जेडीएस के नेता एक के बाद एक पार्टी से बाहर होते जा रहे हैं. कई नेता, मुख्य रूप से उत्तरी कर्नाटक के, पार्टी से बाहर जा रहे हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप गौड़ा माली पाटिल ने हाल ही में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

विजयपुर जिले में जेडीएस के समर्थक एमसी मनुगली की मृत्यु हो गई है. अशोक मनुगली ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पार्टी को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं मधु बंगारप्पा भी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं.

अफवाहें हैं कि विधायक श्रीनिवास भी कांग्रेस का दरवाजा खटखटा रहे हैं. कुछ दिन पहले तुमकुर में विधायक श्रीनिवास के बयान ने इसे बढ़ावा दे दिया है. तब विधायक श्रीनिवास ने कहा कि यह सच है कि पार्टी के व्यवहार ने मुझे परेशान किया. मैं अगले कुछ दिनों में आप सभी को बता दूंगा.

कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए फंड जारी नहीं किया गया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि देवगौड़ा लगातार पार्टी को मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं. कुमारस्वामी के बारे में मैं क्या कह सकता हूं. वे महान नेता हैं. उनके इस बयान ने उत्सुकता बढ़ा दी है.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हराने वाले चामुंडेश्वरी विधायक और पूर्व मंत्री जीटी देवेगौड़ा का कदम भी रहस्य बना हुआ है. वे जेडीएस नेताओं से नाराज हैं और तटस्थ हो गए हैं. माना जा रहा है कि वह सोच रहे हैं कि जेडीएस में रहना है या कांग्रेस में जाना है?

हालांकि जेडीएस के वरिष्ठ नेता एचडी देवेगौड़ा ने उन्हें मनाने के लिए फोन कर बात की थी. जीटी देवेगौड़ा जो कि पिछले 2 साल से पार्टी समारोहों और बैठकों से दूरी बनाए हुए हैं. कहा जा रहा है कि जीटी देवेगौड़ा का जेडीएस छोड़ना लगभग तय है.

वे पहले भाजपा में थे लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम के कारण जेडीएस में शामिल हो गए. हालांकि कहा जा रहा है कि जेडीएस नेताओं से नाराज जीटी देवेगौड़ा एक बार फिर बीजेपी का दरवाजा खटखटा रहे हैं. देवेगौड़ा ने भाजपा में शामिल नहीं होने पर दूसरी पार्टी से भी चुनाव लड़ने पर विचार किया है. हालांकि परोक्ष रूप से संकेत यही मिल रहा है कि वे जेडीएस छोड़ सकते हैं. बताया जा रहा है कि वह इसके लिए पहले से ही तैयारी कर रहे हैं.

जेडीएस छोड़ने को मानसिक रूप से तैयारी कर रहे जीटी देवेगौड़ा, किस पार्टी में शामिल होंगे, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है? या अगले चुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना चाहेंगे. इस पृष्ठभूमि में अगले जिला और तालुक पंचायत चुनाव देवेगौड़ा के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे.

कुमारस्वामी सरकार के पतन के दौरान बीएस येदियुरप्पा ऑपरेशन का ऑडियो बम संकलित करने वाले गुरुमठकल विधायक नागनगौड़ा के पुत्र शरणगौड़ा कंदाकुरु को भी निष्प्रभावी कर दिया गया है. ऐसी अफवाहें हैं कि शरणगौड़ा कंदाकुरु को जेडीएस युवा इकाई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाएगा.

यह भी पढ़ें-निर्मला सीतारमण का बड़ा एलान- नौकरी खोने वालों का पीएफ 2022 तक भरेगी केंद्र सरकार

इस बीच जेडीएस कार्यकर्ताओं ने कोलार विधायक श्रीनिवास गौड़ा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. कहा जा रहा है कि श्रीनिवास गौड़ा कांग्रेस में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details