रांची : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 फरवरी को प्रदोष व्रत है. इस दिन भगवान शिव की पूजा भक्त विधि विधान के साथ करेंगे. 28 फरवरी को पड़ने वाली प्रदोष व्रत का संयोग बहुत ही उत्तम माना गया है. प्रदोष व्रत को लेकर रांची के प्रख्यात पंडित जितेंद्र जी महाराज बताते हैं कि सोमवार को पड़ने वाला सोम प्रदोष तीनों प्रदोष व्रत में ज्यादा महत्व रखता है. तीन तरह के प्रदोष व्रत होते हैं सोम प्रदोष, भौम प्रदोष और शनि प्रदोष.
पंडित जितेन्द्र जी महाराज बताते हैं जो व्यक्ति सोम प्रदोष को विधि विधान के साथ करता है उसे तीनों प्रदोष के फल प्राप्त होते हैं. क्योंकि सोम प्रदोष से ही व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है और संतान से ही संपत्ति और सुख की प्राप्ति हो सकती है. इसीलिए तीनों प्रदोष में सोम प्रदोष को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है.
पंडित जितेन्द्र जी महाराज बताते हैं कि सोम प्रदोष भगवान शिव के लिए अति प्रिय है क्योंकि सोमवार भगवान शिव और द्वादशी तिथि भी भगवान शिव के लिए ही होता है. 28 फरवरी को द्वादशी के साथ-साथ त्रयोदशी का भी संयोग बन रहा है. इसीलिए भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की आराधना और उपासना भक्त अवश्य करें. क्योंकि त्रयोदशी का तिथि माता पार्वती को समर्पित होता है.
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाला सोम प्रदोष ऐसे तो सभी राशि के लोगों के लिए बेहतर बताया जा रहा है लेकिन मकर, वृष, कन्या,तुला राशि के लोगों के लिए अति फलदायक है. इस राशि के लोग यदि पूरी विधि विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती का उपासना और सोम प्रदोष का व्रत पूरी विधि-विधान से करते हैं तो उनकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी.