हैदराबाद: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2022) खत्म हो गया है. देश के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार शाम 4:17 बजे से सूर्यास्त तक आंशिक सूर्य ग्रहण देखा गया और खगोल विज्ञान प्रेमियों ने चंद्रमा द्वारा सूर्य के प्रकाश दायरे को ढक देने के इस आकाशीय नजारे को टकटकी लगा कर बड़ी रुचि के साथ देखा. यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कई देशों से सूर्य ग्रहण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गईं.
सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और जब तीनों आकाशीय पिंड एक रेखा में आ जाते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है. आंशिक सूर्य ग्रहण देश के कई हिस्सों में देखा गया. श्रीनगर में सूर्य का अधिकतम धुंधलापन 55 प्रतिशत देखा गया. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दिया.
दिल्ली में सूर्य का 43 प्रतिशत हिस्सा ढका रहा जबकि जम्मू में यह 52 प्रतिशत, बेंगलुरु में 9.9 प्रतिशत और कोच्चि में 5.1 प्रतिशत रहा. यह ग्रहण शाम में लगा इसलिए इस खगोलीय घटना का अंत नहीं दिखा क्योंकि उस समय तक सूर्यास्त हो गया था. सूर्य ग्रहण के मौके पर उत्तराखंड में चारधाम सहित सभी छोटे-बड़े मंदिर के कपाट बंद रहे जबकि हरिद्वार में भी सुबह होने वाली गंगा आरती नहीं हुई.
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार कई सौ साल बाद ग्रहण के मौके पर बने खग्रास ग्रह योग बना था. शाम को लगे सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल में सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था. देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों लोगों ने नदियों और अन्य सरोवरों में पवित्र डुबकी लगाई. हरिद्वार में गंगा नदी के हर की पैड़ी घाट पर पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालु एकत्र हुए.
देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के पवित्र सरोवरों में स्नान किया. हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के पवित्र सरोवरों में स्नान करना शुभ माना जाता है.