मुंबई :देश के एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक को लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और भारत में क्यूआर कोडेड किताबों के माध्यम से शिक्षा में क्रांति को गति देने के उनके प्रयासों के लिए एक मिलियन डॉलर का ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 मिला है.
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के परितेवाडी गांव के 32 वर्षीय रणजीत सिंह डिसले दुनियाभर के 140 देशों के 12,000 शिक्षकों में से नामित होकर 10 फाइनलिस्टों में से चुने गए और यह अवॉर्ड जीता.
शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा
इस अवसर पर मीडिया से बात करते उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे यह पुरस्कार मिला है. यह अवार्ड पूरी दुनिया के शिक्षकों के लिए एक प्ररेणा है. उन्होंने कहा कि शिक्षक ही किसी भी देश के विकास की नींव क्लास रूम में रखते है. ऐसे में टीचर्स की सराहना करना बेहद जरूरी है.
फाइनल में पहुंचने वालों के साथ शेयर करेंगे इनाम
सात करोड़ रुपये जीतने वाले डिसले का मानना है कि शिक्षक समाज में वास्तविक परिवर्तन का निर्माता है. इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि वह अपनी पुरस्कार राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा बाकी नौ फाइनलिस्टों के साथ शेयर करेंगे.
डिसले ने हालांकि पुरस्कार का बड़ा हिस्सा बाकी दावेदारों के साथ बांटने की घोषणा की और यह भी कहा कि यह फैसला भावनाओं में बहकर नहीं, बल्कि सोच समझकर काफी पहले ही ले लिया था. उन्होंने कहा, 'अगर मैं अकेले यह पुरस्कार ले लूं तो सही नहीं होगा क्योंकि सभी ने शानदार काम किया है. शिक्षक 'इनकम' के लिए नहीं 'आउटकम' के लिए काम करते हैं. हम सभी मिलकर समाज की दशा और दिशा बदल सकते हैं.'
सुनी जाए शिक्षकों की आवाज
'थ्री इडियट्स ' या 'तारे जमीं पर' के आमिर खान जैसे किरदारों की तरह डिसले का भी मानना है कि शिक्षकों को नयी पहल कर शिक्षा को रोचक बनाना चाहिए और सरकार से उनकी इतनी सी मांग है कि एक पूरी पीढ़ी को तैयार करने वाले शिक्षकों की आवाज सुनी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'शिक्षा के क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं, मसलन लड़कियों की शिक्षा के आंकड़े अभी भी अच्छे नहीं हैं. बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने की समस्या है जो कोरोना महामारी के बीच और बढ़ गई. सरकार और शिक्षकों को मिलकर इन चुनौतियों से निपटना होगा. इसके लिए जरूरी है कि शिक्षकों की आवाज सुनी जाए.'
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को प्राथमिकता
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनकी उपलब्धि के लिए डिसले को बधाई दी. सीएमओ ने एक ट्वीट में कहा, 'महाराष्ट्र के सीएम ने रणजीत सिंह को बधाई दी. उद्धव ने रणजीत डिसले को मुलाकात के लिए आमंत्रित भी किया. डिसले ने सीएम को बताया कि वे अपने पुरस्कार का उपयोग शिक्षक नवाचार निधि के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए करेंगे.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी डिसले को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'रणजीत सिंह डिसले को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. लंदन स्थित वर्की फाउंडेशन द्वारा सोलापुर जिले के परतेवाड़ी में एक शिक्षक को एक मिलियन डॉलर के ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 के लिए चुने जाने पर, उन्हें बधाई.'
गौरवान्वित हुए असंख्य शिक्षक
बता दें कि देश में शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने का रणजीत सिंह डिसले का जज्बा 'थ्री इडियट्स' या 'तारे जमीं पर' के आमिर खान की याद दिलाता है. इसी जज्बे की वजह से 12,000 उम्मीदवारों के बीच उन्हें 'ग्लोबल टीचर' पुरस्कार मिला है. उनकी इस उपलब्धि ने भारत ही नहीं, बल्कि अभावों के बीच दुनिया में तालीम के बीज बो रहे असंख्य शिक्षकों को गौरवान्वित किया है.