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हैदराबाद : तीन युवाओं की पहल से शहर बनेगा प्लास्टिक मुक्त

प्लास्टिक हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है. इसके विषैले प्रभावों के बारे में विशेषज्ञों की बार-बार चेतावनी आने के बावजूद प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. इसी को रोकने के लिए हैदराबाद के तीन युवाओं ने नई पहल शुरू की है.

engineers making cheaper paper bags
engineers making cheaper paper bags

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Published : Dec 31, 2020, 5:06 PM IST

हैदराबाद :यह कहना संभव नहीं है कि इंसान कब तक जीवित रहेगा. हालांकि, अध्ययन से पता चला है कि एक आदमी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पॉलिथीन बैग का जीवनकाल 500 साल से अधिक है. वर्षों तक मिट्टी में पड़ी रहने वाली पॉलिथीन ने भविष्य के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पॉलिथीन बैग के उपयोग पर प्रतिबंध केवल शब्दों तक सीमित है और कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती है.

तीन सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने इस समस्या का समाधान निकाला है. उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले पेपर बैग बनाए हैं, जो पॉलिथीन बैग से सस्ते हैं और शहर में बड़ी मात्रा और मुफ्त में वितरित किए जाते हैं. इनका प्रमुख उद्देश्य एकल उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करना है.

पॉलिथीन बैग मनुष्य और पृथ्वी के बीच एक बाधा बन गए हैं और दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. प्लास्टिक के उपयोग और प्लास्टिक को रीसाइकिल करने की असंभवता को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं. एक व्यक्ति जो घर से बाहर निकलता है वह कम से कम एक पॉलिथीन बैग के साथ घर लौटता है. इस गणना के अनुसार, पॉलीथिन बैग के कारण हैदराबाद महानगर में पर्यावरणीय क्षति हो रही है.

जीएचएमसी की फाइन की चेतावनी के बावजूद लोग अब भी पॉलिथीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों को पॉलिथीन बैग का कोई सस्ता विकल्प नहीं मिल रहा है. हालांकि, तीन युवा इंजीनियरों- हरीश, किरण कुमार और महेश येचुरी का कहना है कि उनके पास समस्या का एक अच्छा समाधान है. हैदराबाद के कुकटपल्ली के रहने वाले इन सॉफ्टवेयर इंजीनियर का उद्देश्य समस्याओं की पहचान करना और ऐसी समस्याओं का स्थायी समाधान खोजना है. इसी कड़ी में उन्होंने हैदराबाद में 'रिकवरी' नाम की एक कंपनी शुरू की है.

रिकवरी के संस्थापक हरीश और उनकी टीम का मुख्य उद्देश्य एकल उपयोग प्लास्टिक को खत्म करना है. पॉलिथीन बैग की जगह पेपर बैग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. इन्हें रीसाइकिल किए हुए फूड ग्रेड पेपर से बनाया जाता है. इसमें 3-5 किलो तक सामान रखा जा सकता है.

इस तरह के पेपर बैग को उन जगहों पर मुफ्त में वितरित किया जाता है, जहां प्लॉथीन बैग का ज्यादा उपयोग होता है. जैसे सुपरमार्केट, होटल, सब्जी मंडी, किराना स्टोर आदि. नतीजतन, वह पिछले साल सितंबर से लगभग 20 टन पॉलिथीन बैग के उपयोग को रोक पाए हैं. कई जगहों पर लोगों को पेपर बैग का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

हरीश की टीम ने हैदराबाद के निजामपेट में एक जगह किराए पर लेकर शेड तैयार किया है. यहां पर पेपर बैग तैयार करने के लिए मशीनें लगाई गई हैं. रिकवरी कंपनी को पिछले वर्ष सितंबर में स्थापित किया गया था. एक साल बाद कई जगहों ने इसके उत्पाद का इस्तेमाल किया जा रहा है. हरीश की टीम ने इस क्षेत्र के बारे में दो वर्षों तक अध्ययन किया और समस्या का समाधान निकाला.

गौर करने वाली बात यह है कि यह टीम बिजली चलने वाली गाड़ियों से पेपर बैग वितरित कर रही है. रिकवरी की इकाई हर रोज दो टन पेपर बैग बना रही है.

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इस टीम ने हैदराबाद को अगले दो वर्षों में पॉलिथीन मुक्त बनाने की योजना बनाई है. वह पूरे राज्य में मुफ्त में पेपर बैग वितरित करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग अपनी जिम्मेदारियों को समझें.

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