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पांच साल में यूपी मॉडल के रूप में विकसित होकर सामने आया है : असीम अरुण

उत्तर प्रदेश के सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि राज्य में अपराधियों की संख्या काफी घटी है. विकास कार्यों से संबंधित निर्णय तेजी से लिए जा रहे हैं. सामाजिक कल्याण मंत्रालय अपने वादों को एक-एक कर पूरा भी कर रहा है. उन्होंने बुलडोजर का भी जिक्र किया. कहा कि बुलडोजर उत्तर प्रदेश के चुनाव के बाद से ही विकास का सिंबल बन गया है. बाकी राज्य भी अनुसरण कर रहे हैं. जानिए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से खास बातचीत में उन्होंने और क्या कहा.

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असीम अरुण

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Published : Apr 27, 2022, 8:50 PM IST

नई दिल्ली :यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण (UP Social Welfare Minister Asim Arun) ने कहा कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रालयों और विभागों का प्रेजेंटेशन लिया था. हमने भी अपने मंत्रालय का प्रेजेंटेशन दिया. समाज कल्याण मंत्रालय का उद्देश्य है कि पिछड़ी जाति के छात्रों को जो छात्रवृत्ति मिलती है या फिर जो पेंशन योजना है उसमें भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए उन्हें आधार से लिंक किया जा सके. दूसरा कोई भी व्यक्ति सुविधा से छूटे ना इसीलिए इसमें ट्रांसपेरेंसी लाई जाए. गरीब और दलित छात्र जो परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, आईएएस-पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए छात्रवृत्ति की योजना सुचारु रूप से लागू हो सके इन बातों का भी ध्यान रखा जाता है.

लाउडस्पीकर हटाने को लेकर कही ये बात :इस सवाल पर कि कानून व्यवस्था को लेकर समय-समय पर विपक्षी नेता उत्तर प्रदेश पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कितनी सुधरी है, यह बात मतदाताओं ने चुनाव में जीत दिलाकर ही बता दी है. इससे पहले यूपी की कानून व्यवस्था कभी भी इतनी सुदृढ़ नहीं थी जितना योगी जी के शासनकाल में है. उत्तर प्रदेश में कई जगह पर अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए गए हैं.

असीम अरुण से खास बातचीत

इस पर असीम अरुण ने कहा कि इसका सीधे-सीधे संबंध ध्वनि प्रदूषण से है. खासतौर पर जब बच्चों की परीक्षाएं चल रही होती हैं तो ऐसा किया जाता है. इसी का अनुसरण करते कार्रवाई की जा रही है. हमने भी अपने क्षेत्र में कई अनाधिकृत तौर पर लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए. इससे बच्चों की पढ़ाई पर काफी फर्क पड़ता है. इसीलिए इस कार्य पर प्रशासन ने प्रमुखता से ध्यान देते हुए लाउडस्पीकर हटाए हैं. कई लोगों ने बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए खुद लाउडस्पीकर हटा लिए हैं.

महाराष्ट्र हनुमान चालीसा प्रकरण पर बोलने से बचे :इस सवाल पर कि महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा पर काफी विवाद चल रहा है. हनुमान चालीसा पढ़ने पर सांसद नवनीत राना को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस सवाल पर उत्तर प्रदेश के मंत्री बचते हुए नजर आए. असीम अरुण ने कहा कि यह बात मेरे क्षेत्र अधिकार से बाहर है और मैं अपने राज्य के और मंत्रालय के मुद्दे पर टिप्पणी करना चाहूंगा.

इस सवाल पर कि बुलडोजर की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई थी और अब जहांगीरपुरी में बुलडोजर चला. इसको लेकर विपक्ष काफी आरोप लगा रहा है. हालांकि उत्तर प्रदेश के बाद कई राज्यों ने भी बुलडोजर का अनुसरण किया है. असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगीजी ने यह बात खुद कही थी कि बुलडोजर माफिया गुंडा या अवैध निर्माण के विनाश का भी प्रतीक है और यही बुलडोजर विकास का भी प्रतीक है. इससे सड़कें भी बनती हैं और सरकारी कार्य भी होते हैं. तो कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश में सही नीति के तहत बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया है. विकास के लिए भी इसका इस्तेमाल बखूबी हुआ है. नियमों के अनुपालन में भी बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया है. तो कहीं ना कहीं यह एक सिंबल बन गया है जिसको उत्तर प्रदेश में जनता ने भी खूब सराहा है. इसी वजह से यह बुलडोजर काफी चर्चित भी रहा है क्योंकि यह विकास का प्रतीक है. सुशासन का प्रतीक है. यही वजह है कि इसका अनुसरण किया जा रहा है. मूल बात यह है कि पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश की सरकार ने सुशासन के लिए काफी कुछ किया है. यहां विकास की रफ्तार काफी तेज रही है.

'तेजी से विकास कर रहा यूपी' :उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में काफी रिफॉर्म चलाए जा रहे हैं. पहले यह एक बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था लेकिन आज उत्तर प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है. उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग में आज हम दूसरे नंबर पर हैं. पिछले 5 सालों के किए गए कार्य की वजह से ही हमारा इंडेक्स ऊपर आया है. इस सवाल पर कि छुट्टा पशुओं को लेकर उत्तर प्रदेश में लोग काफी नाराज हैं. विपक्ष भी सवाल उठा रहा है. मंत्री असीम अरुण का कहना है कि योगी जी ने इसके लिए पूरा फुल प्रूफ योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र कन्नौज में इसकी शुरुआत भी की है. हर पंचायत में एक गौशाला का निर्माण किया जा रहा है. इससे पहले भी 53 गौशाला निर्मित की गई हैं. उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए हरे चारे के लिए भी जमीन आवंटित की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश सरकार हर एक पशु पर ₹30 की राशि पहले से देती आई है और अब गौशालाओं के रखरखाव पर भी अच्छे खासे फंड आवंटित किए गए हैं. अगले 2 महीने में समस्याओं को समाप्त करने के लिए सरकार कटिबद्ध है.

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