हैदराबाद : देश फिलहाल COVID-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. ऐसी स्थिति में सामाजिक उद्यमी संकट के इस समय में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं. भारत में इस समय ऐसे लाेगाें के लिए काम करने वाले Schwab Foundation community के छह उदाहरण पेश किए जा सकते हैं.
लाेगाें की जान बचाने के लिए Schwab Foundation's community के छह इंटरप्राइजेज काम कर रहे हैं.
- कमजोर वर्ग के लिए संसाधन उपलब्ध करा रही है
एनजीओ गूंज ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए 400 से अधिक साझेदार संगठनों के साथ काम किया है.
इसने 8,800 टन से अधिक राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने के साथ, 362,000 से अधिक लाेगाें काे भोजन प्रदान किया है. किसानों से 2,25,000 किलोग्राम सब्जियां खरीद कर 380,000 से अधिक परिवारों (लगभग 1.5 मिलियन लोग) तक पहुंचाया गया.
800,000 से अधिक मास्क और 12,00,000 से अधिक कपड़े के सैनिटरी पैड का उत्पादन किया.
- अनौपचारिक रूप से महिलाओं की आर्थिक मदद
स्वरोजगार महिला संगठन (SEWA), एक संगठन है जो स्वरोजगार करने वाली महिलाओं को सहायता प्रदान करता है.
सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए श्रमिकों के परिवारों को आर्थिक मदद की घाेषणा की है.
सभी पंजीकृत श्रमिकों को 5,000 / - प्रति माह के मुआवजे के पैकेज की घोषणा करने के लिए सभी राज्यों को एक परिपत्र जारी किया है. जब तक काेराेना संकट है, राशन आपूर्ति के लिए एक मुफ्त सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रदान करने काे कहा है.
प्रवासियों को संसाधन उपलब्ध कराना
Aajeevika ब्यूरो, ग्रामीण प्रवासी श्रमिकों को सेवाएं, सहायता और सुरक्षा प्रदान कर रही है. दैनिक मजदूराें काे राहत प्रदान करने जैसे कामाें में शामिल है.
राहत में आपातकालीन भाेजन वितरण, नकद हस्तांतरण, स्वास्थ्य देखभाल के अलावा संकट में श्रमिकों काे संगठन तक पहुंचने में मदद करना आदि शामिल है.
साथ ही घर लौटने का प्रयास कर रहे प्रवासियों को सहायता प्रदान कर रही है. जाे प्रवासी मजदूर अपने गांवों वापस आए हैं उनके लिए संगठन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और लाभों की जानकारी देने में अहम भूमिका निभा रही है.