उत्तराखंड के चारों धामों समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी बदरीनाथ/केदारनाथ: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है. अचानक बदले मौसम ने निचले इलाकों में ठंड बढ़ा दी है. पिछले काफी दिनों से बर्फबारी का इंतजार कर रहे पर्यटक अब बर्फबारी का लुत्फ उठाने पर्यटन स्थलों पर पहुंचने लगे हैं. चमोली के औली और जोशीमठ में क्रीड़ा स्थल पर भी पर्यटक साहसिक खेलों का आनंद ले रहे हैं.
बदरीनाथ में बर्फबारी: चमोली के बदरीनाथ और औली समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बाद ठंड बढ़नी शुरू हो गई है. पिछले कई दिनों से चमोली में धूप ही खिल रही थी. लेकिन दिन के बाद चमोली में मौसम में बदलाव हुआ और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई. देखते ही देखते चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है.
केदारनाथ में बर्फबारी: उधर लंबे इंतजार के बाद केदारनाथ धाम में बर्फ गिरी है. धाम में साल की पहली बर्फबारी हुई है. लंबे समय से केदारनाथ धाम में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश नहीं होने से पूरे जिले में शीतलहर के कारण लोग परेशान थे. धाम में बर्फबारी होने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. धाम में आईटीबीपी के जवानों के साथ ही कुछ साधु संत रह रहे हैं. हालांकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है. मगर निचले इलाकों में अभी बारिश नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से काश्तकार खासे परेशान हैं. इसके साथ ही प्राकृतिक जल स्रोत सूख गए हैं. ऐसे में निचले इलाकों में बारिश का होना बहुत जरूरी है.
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गंगोत्री-यमुनोत्री में बर्फबारी: वहीं, बुधवार शाम को मौसम अचानक बदलने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में हल्की बर्फबारी हुई. लंबे इंतजार के बाद हुई बर्फबारी से सेब बागवानों के काश्तकारों के चेहरे खिल गए हैं. वहीं ऊपरी इलाकों में बर्फबारी से निचले इलाकों में ठंडी हवाएं चलने से ठंड बढ़ गई है. जहां लोगों ने अलाव का सहारा लिया. इस समय बर्फबारी सेब के पौधों के लिए जरूरी है. ताकी सेब की अच्छी पैदावार हो सके.