नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे कई कदमों के बावजूद, पिछले साल भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी और नकली भारतीय मुद्रा नोट की आवाजाही बेरोकटोक जारी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के गुवाहाटी फ्रंटियर ने 2022 में सबसे अधिक मवेशी (8,684) जब्त किए है. सीमा सुरक्षा एजेंसी ने 2022 में 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा से कुल 18,288 मवेशियों को जब्त किया.
सीमा सुरक्षा एजेंसी के उत्तर बंगाल सीमा द्वारा 3,301 मवेशियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या जब्त की गई. बीएसएफ के मेघालय फ्रंटियर द्वारा 3,262 मवेशी, त्रिपुरा फ्रंटियर द्वारा 1,636 मवेशी, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा 1,027 और बीएसएफ के मिजोरम और कछार फ्रंटियर द्वारा 378 मवेशियों को जब्त किया गया. सरकारी आंकड़ों में आगे कहा गया है कि मवेशियों की तस्करी में गिरावट देखी जा रही है. जहां 2021 में 21,917 मवेशियों को जब्त किया गया था, वहीं 2020 में 46,809 मवेशियों को जब्त किया गया था.
हालांकि, पशु तस्करी में बीएसएफ कर्मियों की संलिप्तता ने स्थिति को और खराब कर दिया है. बीएसएफ ने 33 कर्मियों का कोर्ट-मार्शल किया है, जिनमें से ज्यादातर पशु तस्करी में शामिल हैं, जो 2021 में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बेरोकटोक जारी है. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब भी मवेशी तस्करी में बीएसएफ कर्मियों की संलिप्तता सामने आती है, 'हम जांच करते हैं और नियमों के अनुसार उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है.'
बीएसएफ ने 2022 में विभिन्न मूल्यवर्ग में 20,73,200 रुपये के नकली नोट जब्त किए. जब्त किए गए कुल नकली नोट में से 11,37,100 रुपये के नकली नोट बीएसएफ के मिजोरम और कछार फ्रंटियर द्वारा जब्त किए गए हैं, इसके बाद बीएसएफ के गुवाहाटी फ्रंटियर द्वारा 5.13 लाख रुपये के नकली नोट, बॉर्डर गार्डिंग एजेंसी के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा 3,33,500 रुपये के नकली नोट जब्त किए गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी सीमा पर बीएसएफ ने 4,581 लोगों को पकड़ा है.