नई दिल्ली : कुपोषण संबंधी चिंताओं को दूर करने और महिलाओं और बच्चों के विकास, अधिकारिता और संरक्षण के लिए सामरिक हस्तक्षेपों पर क्षेत्रीय सम्मेलनों के माध्यम से राज्य सरकारों व संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों और हितधारकों के साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सम्पर्क साधेगा. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी मंगलवार यानी 12 अप्रैल को मुंबई में राज्यव संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों और पश्चिमी क्षेत्र के हितधारकों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी.
महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, दादरा और नागर हवेली के राज्य व संघ राज्य क्षेत्र और दमन और दीव बैठक में भाग लेने वाले राज्य हैं. हाल ही में शुरू किए गए 3 मिशनों - पोषण 2.0, वात्सल्य और शक्ति के इष्टतम प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने देश के प्रत्येक क्षेत्र में राज्य सरकारों और हितधारकों के साथ क्षेत्रीय परामर्श की एक श्रृंखला शुरू की है. मुंबई में क्षेत्रीय बैठक श्रृंखला की चौथी कड़ी है. इससे पहले इस तरह की पहली बैठक 2 अप्रैल को चंडीगढ़ में, 4 अप्रैल को बेंगलुरु में और 10 अप्रैल को गुवाहाटी में हुई थी.
महिलाओं और बच्चों का सशक्तिकरण और सुरक्षा, जो भारत की आबादी का 67.7 फीसदी है और एक सुरक्षित वातावरण में उनका संपूर्ण विकास सुनिश्चित करना देश के सतत और न्यायसंगत विकास और परिवर्तनकारी आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में मिशन मोड में लागू करने के लिए मंत्रालय की 3 महत्वपूर्ण अम्ब्रेला योजनाओं को मंजूरी दी है -- मिशन पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य. इन 3 मिशनों को 15वें वित्त आयोग की अवधि, 2021-22 से 2025-26 के दौरान लागू किया जाएगा.
अम्ब्रेला मिशन के तहत योजनाएं केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं जिन्हें राज्य सरकारों व संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा लागत-साझाकरण मानदंडों के अनुसार लागत-साझाकरण आधार पर कार्यान्वित किया जाता है. योजना दिशानिर्देशों को राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझा किया जा रहा है. क्षेत्रीय सम्मेलनों का उद्देश्य मंत्रालय के 3 अम्ब्रेला मिशनों पर राज्य सरकारों व संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को संवेदनशील बनाना है ताकि सहकारी संघवाद की सच्ची भावना में अगले 5 वर्षों में योजनाओं के उचित कार्यान्वयन की सुविधा मिल सके.