दावोस : केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को महिलाओं के स्वास्थ्य के आसपास बातचीत को सामान्य करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्वास्थ्य प्रणाली या बातचीत को कभी भी मुख्यधारा नहीं दी गई. यह मुख्य धारा की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में महिला स्वास्थ्य कार्यक्रम से जुड़े एक सत्र में बोलते हुए, स्मृति ईरानी ने कहा कि मुझे लगता है कि महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली या इसपर बातचीत कभी भी मुख्यधारा का हिस्सा नहीं रही थी. यह सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रही है. आप समाधान कैसे प्रदान करते हैं. एक ऐसा मुद्दा जिसके बारे में कभी बात नहीं की गई है?
उन्होंने कहा कि एक अनुमान है कि ज्यादातर महिलाएं नहीं चाहती हैं कि उनकी चिकित्सा चुनौती का मनोवैज्ञानिक बोझ उनके परिवार पर पड़े. जिससे परिवार की आर्थिक प्रगति में बाधा आये. यही कारण है कि वे या सेल्फ मेडिकेशन करते हैं या फिर बिलकुल भी नहीं.
उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद महिलाओं के विकास के लिए ली गई पहल के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 110 मिलियन शौचालय बनाए गए हैं. 2014 के बाद महिलाओं के विकास के लिए की गई पहल के बारे में बोलते हुए, स्मृति ईरानी ने कहा कि भारतीय अनुभव से, मुझे आपको एक बड़ा संदर्भ प्रदान करना है.