नई दिल्ली/नोएडा :नोएडा-एनसीआर में प्रदूषण (Pollution in noida) की वजह से हालात कितने खराब हैं, यह किसी से छिपे नहीं हैं. लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए BHEL और नोएडा प्राधिकरण ने बीड़ा उठाया और करोड़ों रुपये खर्च करके एक स्मॉग कंट्रोल टावर (Smog control tower in noida) का निर्माण कर डाला.
टावर बन कर खड़ा हो गया और उसका उद्घाटन भी मंत्री जी ने कर दिया. आम लोगों को यह संदेश दिया कि इस टावर के लग जाने से नोएडा के लोगों को स्वच्छ हवा मिलनी शुरू हो जाएगी, पर टावर लगने के साथ ही उस पर प्रश्नचिन्ह भी खड़े हो गए और पर्यावरण विद्वानों ने टावर को एक सफेद हाथी और करोड़ों रुपए पब्लिक के बर्बाद किए जाने की बात कह डाली.
टावर नोएडा के सेक्टर-16ए फिल्म सिटी स्थित ग्रीन बेल्ट (Smog tower in green belt of noida) में लगा है. टावर से हवा साफ नहीं हो रही है, जिस के लिए हवा की टेस्टिंग की गई है. एयर क्वालिटी मापने की एक पोर्टेबल एयर मॉनिटरिंग डिवाइस से कंट्रोल टावर के एक किलोमीटर क्षेत्र में खड़े होकर परीक्षण किया गया है. टावर परिसर में भी परिक्षण किये गए पर हवा साफ नहीं मिली रही है. यह बातें पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने बताई है. उन्होंने कहा कि टावर को बीएचईएल और प्राधिकरण ने बना कर पब्लिक के पैसे बर्बाद किया है. बिना रिसर्च और किसी जांच के टावर खड़ा कर दिया है. टावर एक सफेद हाथी साबित हो रहा है.