नई दिल्ली :राजधानी दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बनी झुग्गी झोपड़ियां सालों से रेल परिचालन को प्रभावित करती आईं हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सख्त रवैया अपनाते हुए झुग्गी झोपड़ियों को एक तय समय सीमा में हटाने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किया गया समय भी अब बीत गया है, लेकिन ये समस्या आज भी रेल परिचालक के लिए रोड़ा है.
मौजूदा समय में मामले पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) और दिल्ली सरकार (Delhi Government) के बीच बातचीत चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में भी इसकी सुनवाई लगातार जारी है. रेलवे का पक्ष मजबूत रखने के लिए उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने हाल ही में रेल भूमि से संबंधित सभी कागजातों के डिजिटलीकरण का निर्देश दिया है. अधिकारियों का मानना है कि ऐसा करने से रेलवे को लाभ मिलेगा.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में रेलवे की करीब पांच लाख 98 हजार 798 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध झुग्गियां और अन्य तरीके के कब्जे हैं. कई लोकल स्टेशनों पर तो स्टेशन परिसर के भीतर तक झुग्गियां बनी हुईं हैं. दिल्ली का दयाबस्ती रेलवे स्टेशन तो इन झुग्गियों के लिए मशहूर है. सालों से रेलवे इन झुग्गियों से पीछा छुड़ाना चाह रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली.