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पुणे कलेक्टर कार्यालय के बाहर कल 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे सुने गए

पुणे जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर शुक्रवार को 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे सुने गए थे. PFI के कार्यकर्ता वहां एनआईए, ईडी, सीबीआई और पुलिस की छापेमारी के खिलाफ इकट्ठे हुए थे.

PFI Protest against raid in Pune
PFI Protest against raid in Pune

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Published : Sep 24, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Sep 25, 2022, 11:36 AM IST

पुणे/तिरुवनंतपुरम (महाराष्ट्र/केरल): पुणे में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर कल 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे सुने गए थे. PFI के कार्यकर्ता वहां ED-CBI-पुलिस की छापेमारी के खिलाफ इकट्ठे हुए थे. कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था जिन्हें शनिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें आज ही आदालत के सामने पेश किया जायेगा. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई और इसके कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ बिना अनुमति पुणे में प्रदर्शन करने के मामले में पुलिस ने 60 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुणे कलेक्ट्रेट के सामने शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों में से 41 को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

बंडगार्डन थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रताप मनकर ने कहा कि हमने बिना अनुमति प्रदर्शन करने, गैर कानूनी तरीके से एकत्र होने और सड़क बाधित करने के मामले में 60 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिनमें से 41 को शुक्रवार हिरासत में लिया गया था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने आयोजकों को नोटिस देकर प्रदर्शन नहीं करने को कहा था, लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया.

पुणे कलेक्टर कार्यालय के बाहर कल 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे सुने गए

मनकर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं-141, 143, 145, 147, 149 (सभी गैर कानूनी तरीके से एकत्र होने से संबंधित), धारा-188 (लोकसेवक के आदेश की अवहेलना), धारा-341 (गलत तरीके से रोकने) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों की टीम ने गुरुवार को पीएफआई के खिलाफ एक साथ 15 राज्यों में छापेमारी की कार्रवाई कर इसके 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया.

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इधर, शुक्रवार को करेल में एनआईए की छापेमारी से क्रोधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने राज्य में हंगामा किया और केएसआरटीसी की 70 बसों को नुकसान पहुंचाया.इसके अलावा भी अन्य संपत्तियों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया. केरल उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को राज्य में एक हड़ताल के अवैध आह्वान के लिए पीएफआई के नेताओं के खिलाफ कड़ी निंदा और स्वत: संज्ञान कार्यवाही शुरू करने के बाद चीजें बदलती दिखाई दीं.

न्यायमूर्ति ए के जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास की खंडपीठ ने अदालत के आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इसके बाद केरल पुलिस हरकत में आई और शाम तक 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 53 मामले दर्ज किए गए और 229 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया. कन्नूर में, एक आरएसएस कार्यालय पर हमला किया गया. पुलिस ने पेट्रोल बम ले जा रहे एक पीएफआई कार्यकर्ता को हिरासत में लिया था.

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इसी तरह, पीएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन दुकानें बंद करने और विरोध करने वालों पर शारीरिक हमला करने की कई खबरें थीं. पीएफआई पर देश में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप है. एजेंसी के मुताबिक, महाराष्ट्र और कनार्टक में पीएफआई के 20-20 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, तमिलनाडु में 10, असम में छह, उत्तर प्रदेश में आठ, आंध्र प्रदेश में पांच, मध्य प्रदेश में चार, पुडुचेरी और दिल्ली में तीन-तीन तथा राजस्थान में दो पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.

Last Updated : Sep 25, 2022, 11:36 AM IST

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