अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस पर अनुचित नारे लगाने वाले छात्र के समर्थन में शुक्रवार को प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया. प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों ने मांग की कि मामले में निलंबित छात्र वहीदूरजमा का सस्पेंशन वापस लिया जाए. छात्रों ने प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपकर यह मांग की है. इस दौरान छात्रों ने कहा कि बीए के छात्र वाहिदुर्जमा का सस्पेंशन गलत हुआ है . इसमें सस्पेंशन का कोई मामला नहीं बनता है .इस दौरान छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर नारे लगाए. वहीं, वाहिदुर्जमा मामले को लेकर जांच कमेटी की रिपोर्ट अभी आने बाकी है. कमेटी की जांच के आधार पर आगे का निर्णय होना है.
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एएमयू छात्रों ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला. यह प्रोटेस्ट मार्च निलंबित छात्र वाहिदुर्जमा के समर्थन में था. छात्रों ने अपने हाथों में बैनर पोस्टर ले रखे थे. इसमें 'अल्लाह हू अकबर' लिखा था. इसके अलावा 'तेरा मेरा रिश्ता क्या, ला इलाहा इलल्लाह' के नारे लगाए गए. छात्रों ने प्रॉक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने लिखित रूप में ज्ञापन सौंपा है जिसमें उनकी डिमांड है कि 26 जनवरी के मामले में निलंबित किए गए छात्र को बहाल किया जाए. छात्रों की केवल यही मांग है. बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर एनसीसी छात्रों ने कुछ नारे लगाए थे. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था. इस मामले में नारे लगाने वाले छात्र को निलंबित किया गया था.
एएमयू विश्वविद्यालय नहीं मदरसा है: राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर
वहीं, अलीगढ़ के डीएस कॉलेज में शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र सम्मेलन आयोजन किया गया. कॉलेज के रमेश चंद सभागार में ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने कहा कि एएमयू सांप्रदायिक विश्वविद्यालय है. उन्होंने कहा कि 'मैं एएमयू को विश्वविद्यालय की श्रेणी में नहीं मानता, केवल एक मदरसे की श्रेणी में मानता हूं. मदरसों में केवल हिंदुओं का विरोध होगा और इस्लामिक शिक्षा दी जाती है, जहां बताया जाता है इस्लाम के सिवाय सब काफिर है, यही मुस्लिम विश्वविद्यालय का नियम है.