अलग-अलग रंग के सूखे-गीले रंगों से होली खेलने में सभी को बहुत मजा आता है. लेकिन आमतौर पर गुलाल और पक्के गीले रंगों को बनाने में केमिकल, लेड, मेटल, और पेस्टिसाइड आदि का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह के रसायन युक्त रंगों से होली खेलने के बाद त्वचा तथा बालों पर आमतौर पर काफी नुकसानदायक प्रभाव देखने को मिलते हैं. यहां तक कि कई बार ऐसे रंगों के प्रभाव के चलते लोगों की त्वचा पर एलर्जी, रैश तथा स्किन बर्न ( Allergies, rashes and skin burns in Holi ) जैसी समस्या भी हो जाती है. वहीं इस तरह के रंगों से बालों को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है.
नुकसानदायक होते हैं रसायन मिले रंग : Don't use Chemical colors in Holi
एमे ऑर्गेनिक बैंगलोर की फाउंडर, सीईओ तथा सौन्दर्य विशेषज्ञ नंदिता शर्मा ( Nandita Sharma, founder, CEO and beauty expert of Ame Organic ) बताती हैं कि होली के रंगों में मौजूद हैवी केमिकल हमारी स्किन व बालों के साथ आंखों पर भी काफी बुरा असर डाल सकते हैं. Nandita Sharma Ame Organic CEO बताती हैं कि हालांकि बाजार में आजकल ऑर्गैनिक, हर्बल या नेचुरल रंग ( organic, herbal or natural colors ) बहुत सरलता से उपलब्ध हैं लेकिन उनमें खुशबू तथा उनके रंगों में सुर्खपन आमतौर पर कम होता है. वहीं वे आम गुलाल के मुकाबले थोड़े महंगे भी होते हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग केमिकल मिले रंगों को ही प्राथमिकता से खरीदते हैं.
वहीं होली पर बहुत से लोग पक्के रंगों तथा पेन्ट का भी इस्तेमाल करते हैं जिनमें बहुत ज्यादा रसायन होता है. इस तरह के रंग बेहद खतरनाक होते हैं और ये स्किन बर्न या त्वचा को जला भी सकते हैं. इन तेज रसायनों वाले रंगों से होली खेलने के बाद बहुत से लोगों को स्किन इन्फेक्शन, स्किन एलर्जी, त्वचा में सूजन, चकत्ते, खुजली, जलन और दाने निकलने जैसी शिकायत होने लगती है. Ame Organic CEO Nandita Sharma बताती हैं कि रंगों के त्यौहार में रंग ही दुश्मन ना बन जाए इसके लिए कुछ टिप्स तथा सावधानियां काफी मददगार हो सकते हैं. आइए जानते हैं होली में कैसे करें देखभाल : How to care in Holi .
होली खेलने से पहले की सावधानियां