वाराणसी: गणतंत्र दिवस (Republic day 2022) की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई. इसके तहत बनारस घराना के सितार वादक शिवनाथ मिश्र को पद्मश्री सम्मान (Shivnath Mishra received Padma Shri award) से नवाजा गया. पंडित शिवनाथ मिश्रा (Sitar Vadak Pandit Shivnath Mishra) के पहले ये सम्मान पंडित रविशंकर भारत रत्न को मिला था. पद्मश्री सम्मान की घोषणा होने के बाद शिवनाथ मिश्र को बधाई देने वालों का तांता लग गया.
इस अवसर पर पंडित शिवनाथ मिश्र ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मैं सरकार सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं कि उनके इस सम्मान से काशीवासियों एवं बनारस संगीत घराना का सम्मान हुआ है. बनारस घराने के प्रख्यात सितारविद पण्डित शिवनाथ मिश्र को मंगलवार (25 जनवरी) देर शाम जैसे ही पद्मश्री सम्मान मिलने की सूचना मिली, घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. शुभचिंतकों ने उनके घर पर पहुंच माला पहना कर एवं मिठाई खिला कर हर्ष जताया.
सितार में काशी के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. सितारवादन के क्षेत्र काशी में पण्डित रविशंकर (Sitar Vadak Ravi Shankar) के बाद पण्डित शिवनाथ मिश्र को यह सम्मान प्राप्त हुआ है, जो काशी की शास्त्रीय संगीत परम्परा के लिए बहुत सुखद है. पंडित शिवनाथ मिश्र के पुत्र देवव्रत मिश्र ने बताया कि, 'हमारे पिता जी मेरे गुरु भी हैं. उन्हें आज पद्मश्री सम्मान से सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है. यह बहुत बड़ी बात है. सितार तंत्रकारी श्रेणी में आता है. उस विधा में भारत रत्न पंडित रविशंकर जी के बाद पद्म पुस्कारों में काशी से मेरे पिता जी का नाम आया है.'
मिश्र ने आगे बताया कि ये तबला एवं गायन के क्षेत्र में लोगों को मिलता रहा है, पर तंत्र वादन में कम मिला है. पिता जी को ये सम्मान मिला है, इसके लिए हम सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं. देवब्रत मिश्र ने आगे बताया कि गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है. पूरी दुनिया से लोग आकर संगीत की शिक्षा लेते है. संगीत की शिक्षा ही नहीं भारतीय संस्कृति भी सीखते हैं. पंडित शिवनाथ मिश्र ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, 'मैं महसूस कर रहा हूं कि सरकार ने हम कलाकारों का ध्यान दिया. मैं उनको धन्यवाद देता हूं. हम कलाकारों के लिए यह गर्व की बात है, अंदर से अब और संगीत को आगे बढ़ाने के लिए मन कर रहा है.'