अमृतसर :एसआईटी द्वारा नामजद करने के बाद बादल परिवार की राजनीति पर असर पड़ सकता है. विपक्षी राजनीतिक दलों ने आरोप पत्र में प्रकाश सिंह बादल के नाम होने का स्वागत किया है. कोटकपुरा गोलीकांड में पंजाब सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल बादल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल और अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को आरोपी बनाया गया है. इसके बाद पंजाब में राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है.
अकाली दल के विरोधी भगवंत मान सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और कोटकपुरा गोलीकांड की घटना को लेकर संघर्ष कर रहा मोर्चा भी इस कदम की सराहना कर रहा है. श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और कोटकपुरा गोलीकांड के मामलों की पैरवी कर रहे मुकदमों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरपाल सिंह खारा ने बातचीत के दौरान कहा कि 2015 में हुई इन घटनाओं को लेकर सिख जगत में लगातार आक्रोश था.
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पढ़ने वाले लोगों को बेनकाब किया जाए और सार्वजनिक किया जाए. सरकार के इस कदम से लोगों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए न्याय की उम्मीद जगी है. कोटकपुरा गोलीकांड की घटना के बाद सभी राजनीतिक दलों ने प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ आरोप लगाये थे लेकिन किसी ने भी कार्रवाई नहीं की थी.
जिसके कारण सिख समुदाय लगातार संघर्ष कर रहा है. अब कहा जा रहा है कि बादल परिवार का राजनीतिक भविष्य खतरे में है. कोटकपुरा गोलीकांड में नामजद होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने कहा कि एसआईटी द्वारा उठाए गए कदम स्वागत योग्य हैं क्योंकि पंजाब में रहते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करना बहुत बुरी बात है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना उससे भी बुरा है.
उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में हर व्यक्ति की आस्था है. पंजाब में लंबे समय से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान का विरोध हो रहा है और कोटकपुरा गोलीकांड के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने बठिंडा विधानसभा क्षेत्र में अपना जनाधार खो दिया है, जिसे बादल परिवार का गढ़ माना जाता था. गुरु ग्रंथ साहिब और कोटकपुरा गोलीकांड की घटना पंजाब की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी.
सरूप चंद सिंगला पूर्व विधायक व जिलाध्यक्ष भाजपा पंजाब कांग्रेस जिला बठिंडा अध्यक्ष राजन गर्ग का कहना है कि पंजाब की राजनीति पर लंबे समय तक राज करने वाले बादल परिवार श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान और कोटकपुरा गोलीकांड के लिए जिम्मेदार हैं. पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी के द्वारा प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल को आरोपी बनाये जाने के बाद स्पष्ट हो गया है कि वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब और कोटकपुरा की बेअदबी के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस मामले में लोगों को इंसाफ दिलाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि वे खुद इस गोलीकांड में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे. अब मामला कोर्ट में जा चुका है और जल्द ही ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है.
एडवोकेट राजन गर्ग पंजाब कांग्रेस जिलाध्यक्ष बठिंडा ने कहा कि बठिंडा की राजनीति में बादल परिवार का बड़ा प्रभाव देखा जाता था, लेकिन कोटकपुरा गोलीकांड में नामांकित होने के बाद उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में है और इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में बादल परिवार पर पड़ेगा. शिरोमणि अकाली दल बादल के अध्यक्ष राजविंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि कोटकपुरा गोलीकांड में सुखबीर सिंह बादल और प्रकाश सिंह बादल का नामांकन राजनीति से प्रेरित है. इन्हें एसआईटी ने नामित किया था जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फरीदकोट की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किये. जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के नाम हैं. पंजाब के आवास और शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एसआईटी ने फरीदकोट अदालत में 7,000 पन्नों का चालान दाखिल किया है जिसमें उस समय के आरोपियों के नाम हैं.
Punjab Politics : एसआईटी ने सुखबीर सिंह बादल को किया नामजद, पंजाब की राजनीति में पड़ेगा असर - The then Chief Minister Parkash Singh Badal
पंजाब के कोटकापुरा में 2015 में हुई पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच कर रहे पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को फरीदकोट की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जिसमें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के नाम हैं.
पंजाब की राजनीति