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MP: नहीं मिला वाहन तो खाट पर शव ले चले परिजन, पुलिस का दिखा मानवीय चेहरा

आजादी के 76 वर्ष बाद भी रीवा संभाग से ऐसी तस्वीर सामने आई है जिस पर सहसा विश्वास नहीं किया जा सकता. कभी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने खाट पर ले जाना पड़ता है, तो कभी एम्बुलेंस न मिलने पर शव को ही खाट पर ले जाना पड़ता है. भला हो पुलिस का जिसने इंसानियत दिखाते हुए बीच रास्ते में परिजनों को शव ले जाने के लिए अपनी गाड़ी मुहैया करा दी वर्ना उन्हें 20 किमी. का सफर पैदल ही तय करना पड़ता. (Singrauli health system at khat)

singrauli health system at khat
खाट पर शव ले चले परिजन

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Published : Jan 5, 2023, 10:40 PM IST

खाट पर शव ले चले परिजन

सिंगरौली।मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां शव वाहन न मिलने की वजह से एक परिवार को बुजुर्ग व्यक्ति के शव को खाट के सहारे पैदल गांव तक ले जाने मजबूर कर दिया था. परिजन शव को खाट में ढोकर पैदल 20 किलोमीटर का सफर करने निकल पड़े थे. अभी वह शव को लेकर 5 किलोमीटर का सफर तय ही कर पाए थे कि उनकी पुलिस ने मदद की. फिर वाहन की व्यवस्था कर शव को गांव भिजवाया गया. (Relatives carried dead body on cot)

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बुजुर्ग की हो गई थी आकस्मिक मौतःयह मामला जिले के सरई तहसील का है. जहां गुरुवार को सिंगरौली के समीप सीधी जिले के बेंदो गांव के रहने वाले मनमोहन सिंह उम्र 65 वर्ष अपने बेटी के यहां झारा गांव में गये हुये थे. जहां उनकी आकस्मिक मौत हो गई. इसके बाद दामाद ने शव को उनके घर पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस या शव वाहन के लिए फोन से संपर्क किया तो अस्पताल ने शव वाहन देने से इंकार कर दिया. (Accidental death of old man)

पुलिसवालों ने अपनी गाड़ी से भेजा शवः इसके बाद मजबूरी में मृतक के परिजनों ने झारा गांव से शव को ले जाने के लिए खाट का सहारा लिया. खाट पर शव लेकर मृतक के गांव सीधी जिले के बेंदो के लिए निकल पड़े. परिजन शव को खाट में ही बांधकर 20 किलोमीटर का सफर तय करने निकल पड़े थे. जैसे उन लोगों ने सीधी जिले में प्रवेश किया तो जिले के भुईमाड थाना के जवानों की उसपर नजर पड़ी और थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंचे. जिसके बाद जिन्होंने तुरंत पुलिस वाहन से शव को मृतक के गांव पहुंचाया. थाना प्रभारी भुईमाड़ आकाश सिंह राजपूत ने बताया कि हमे किसी ने फोन के माध्यम से सूचना दी थी. जिसके बाद पुलिस के वाहन से शव को मृतक के घर तक पहुंचा दिया है. (police showed human face)

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