सरगुजा:सरगुजा रियासतकालीन विरासत का गढ़ है. इन विरासतों में सरगुजा की विरासत सर्किट हाउस भी है. यह सर्किट हाउस कभी महल हुआ करता था. सरगुजा स्टेट के महाराज रामानुज शरण सिंहदेव के छोटे बेटे महाराज कुमार चंडीकेश्वर शरण सिंह देव का पैलेस बनाया गया था. लेकिन स्टेट मर्जर के बाद यह सरकार का हो गया और अब इसमें उच्च विश्रामगृह सहित कई अन्य शासकीय कार्यालय संचालित हैं. Kumar Palace of Surguja is Circuit House
सरगुजा में महाराजा का महल कैसे बना सर्किट हाउस, जानिए ! - महाराज कुमार चंडीकेश्वर शरण सिंह देव
Singhdeo royal palace सरगुजा में एक जमाने में सिंहदेव राजघराने का महल आज सर्किट हाउस है. आखिर कैसे सरगुजा का कुमार पैलेस सर्किट हाउस बना royal palace in Surguja became circuit house. इस महल का निर्माण कैसे हुआ था. इस बारे में ईटीवी भारत ने सिंहदेव राजघराने के सदस्यों और इतिहासकारों से बात की है.Kumar Palace of Surguja is Circuit House
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh Gaurav geet: सरगुजा के लाल से जानिए कैसे बना छत्तीसगढ़ का गौरव गीत ?
रसूल मिस्त्री ने किया था निर्माण:सरगुजा के इतिहासकार गोविंद शर्मा बताते हैं "रसूल मिस्त्री ने इस पैलेस का निर्माण का निर्माण किया था. उन्हीं के नाम से एक मोहल्ला रसूलपुर प्रसिद्ध हो गया है. भवन कुमार पैलेस के रूप में विख्यात था. यहां देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद भी ठहर चुके हैं. तब अंबिकापुर में सर्किट हाउस नहीं था. मणिपुर स्कूल और जिला अस्पताल के बीच में रेस्ट हाउस था जहां 1967 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने सरगुजा प्रवास में ठहरी थी"
विदेशों से लाया गया था सामान:गोविंद शर्मा आगे कहते हैं "उस दौरान वर्तमान सर्किट हाउस यानी कुमार पैलेस में डिग्री कालेज संचालित होता था. 1971-72 में कालेज के वहां से शिफ्ट होने के बाद रेस्ट हाउस को सर्किट हाउस का दर्जा देकर उसे कुमार पैलेस में शिफ्ट किया गया. इस भवन में बेल्जियम का शीशा, पेरिस, इटली की कलाकारी आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है"