सिंगापुर :सिंगापुर के चिकित्सकीय दल ने एक कैंसर पीड़ित महिला की भारत में अपने दो बच्चों से मिलने की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए वैश्विक महामारी के बीच उनकी एक अस्पताल से तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) तक की यात्रा का प्रबंध किया.
'चैनल न्यूज एशिया' (सीएनए) ने कैंसर पीड़िता के पति राजगोपालन कोलंचिमनी (Rajagopalan Kolanchimani) के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि सिंगापुर की स्थायी निवासी राममूर्ति राजेश्वरी (Ramamoorthy Rajeswari) को गले में कैंसर था और वह तिरुचिरापल्ली में रह रहे अपने 12 और नौ वर्षीय बच्चों से मिलना चाहती थीं. जनवरी 2019 में कैंसर संबंधी परेशानियां बढ़ने के बाद से उनके रिश्तेदार तिरुचिरापल्ली में उनके बच्चों की देखभाल कर रहे है.
दंपती के भारत आने के दो सप्ताह बाद 27 जून, 2020 को राजेश्वरी का निधन हो गया. वह 44 वर्ष की थीं. कोलंचिमनी ने कहा, 'उन्होंने कहा था कि वह अपने बच्चों को देखे बिना इस दुनिया को अलविदा नहीं कहेंगी. वह बच्चों से मिलकर बहुत खुश थीं. उन्होंने कहा था कि वह ठीक हो जाएंगी और फिर से हम सब एक साथ रहेंगे.'
कोलंचिमनी ने बताया कि राजेश्वरी बोल नहीं पाती थीं और एक ऐप के जरिए अपनी बात कहती थीं. तिरुचिरापल्ली पहुंचने के बाद ही उन्हें एक अस्पताल ले जाया गया था, ताकि उनकी हालत स्थिर हो पाए.
अस्पताल की व्यवस्था भी सिंगापुर के 'तैन तॉक सेंग अस्पताल' (टीटीएसएच) के उनके चिकित्सकीय दल ने 'एशिया पैसिफिक पैलिएटिव केयर नेटवर्क' के माध्यम से की थी.
कोलंचिमनी ने कहा, 'मुझे भरोसा नहीं था कि यह सब संभव हो पाएगा. उन्होंने हमें कहा था कि हम 10 जून को जा सकते हैं, लेकिन हमें विश्वास ही नहीं हो रहा था, क्योंकि कोविड-19 की वजह से स्थिति काफी खराब थी और राजेश्वरी की हालत भी काफी गंभीर थी.'
तिरुचिरापल्ली पहुंचने के कुछ दिन बाद तक अस्पताल में रहने के बाद राजेश्वरी को वहां से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित उनके घर जाने के लिए अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
उन्होंने कहा, 'अचानक वह बेसुध हो गई... जब मैंने देखा तो उनकी नब्ज रुक गई थी और चिकित्सकों ने हमें और अतिरिक्त कोशिश न करने का सुझाव दिया.'
वहीं, टीटीएसएच में राजेश्वरी की चिकित्सक डॉ. तरिशिया यूंग ने कहा, 'चिकित्सकीय दृष्टिकोण से हमें नहीं लगा था कि यह संभव हो पाएगा. राजेश्वरी हर समय अपना फोन अपने पास रखती थीं और भारत में रह रहे अपने बच्चों तथा परिवार की तस्वीरें देखती रहती थीं.'