नई दिल्ली : भारत और सिंगापुर ने शनिवार को मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के दौरान फिनटेक, निवेश के अवसरों और नियामक सहयोग पर चर्चा की (India-Singapore ministerial dialogue). भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया. सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री लॉरेंस वोंग ने किया.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, 'बैठक के दौरान इन नेताओं ने उभरते और भविष्य के क्षेत्रों में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर जोर दिया.' ट्वीट में कहा गया, 'दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, जिनमें वित्तीय क्षेत्र के संचालन, फिनटेक, नियामक सहयोग, निवेश के अवसर और वर्तमान आर्थिक व्यवस्थाएं शामिल हैं.'
भारत और सिंगापुर के बीच 16वां विदेश कार्यालय परामर्श इस वर्ष 19 अगस्त को सिंगापुर में आयोजित किया गया था. इसकी सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार और सिंगापुर विदेश मंत्रालय के स्थाई सचिव अल्बर्ट चुआ ने की थी. एफओसी के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की और वर्तमान स्तर की भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया. दोनों पक्षों ने साझेदारी की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए द्विपक्षीय राजनीतिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 में सिंगापुर गए थे. गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को सिंगापुर के प्रतिष्ठित विशिष्ट सेवा पदक 'मेरिटोरियस सर्विस मेडल' (मिलिट्री) (एमएसएम(एम) से सम्मानित किया गया है.
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