फरीदाबाद: फरीदाबाद की रहने वाली 40 वर्षीय सिमरन आज दूसरों के लिए मिसाल बनी हैं. सिमरन अनाथ बच्चों को अपनाकर उनकी परवरिश (faridabad social worker simran) कर रही हैं. इसकी शुरुआत सिमरन ने साल 2015 में दो बच्चों के साथ की थी. आज सिमरन 44 बच्चों की परवरिश कर रही हैं. जिनमें 3 साल से लेकर 10 साल तक के बच्चे शामिल हैं. बच्चों के प्रति इस लगाव की कहानी शुरू होती है साल 2012 से. सिमरन उस समय दिल्ली में एक एनजीओ के साथ मिलकर बच्चों के लिए काम करती थी.
साल 2012 में उन्होंने एक अनाथ आश्रम में विजिट किया. इस दौरान सिमरन ने वहां किसी परिवार को अनाथ बच्चों के साथ अपने बच्चे का जन्मदिन मनाते हुए देखा. उस जन्मदिन पर अनाथ बच्चों के चेहरे पर जो खुशी थी. उसे सिमरन को भावुक कर दिया. जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो कुछ ऐसा करेंगी. जिससे हर बच्चे को परिवार का प्यार मिले. इसके बाद उन्होंने सोशल वर्क में मास्टर्स की और साल 2015 में उन्होंने मिरेकल चैरिटेबल ट्रस्ट (Miracle charitable trust faridabad) की स्थापना की. फरीदाबाद सेक्टर 31 में ट्रस्ट के माध्यम से सिमरन ने अनाथ आश्रम की शुरुआत की.
शुरुआत में सिमरन के पास दो बच्चे थे. ट्रस्ट की स्थापना के समय उनके साथ कुछ ही लोगों की टीम थी. वक्त बीतने के साथ अनाथ आश्रम में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी. उनके साथ काम करने वाले साथियों की संख्या भी बढ़ रही थी. इस समय उनकी टीम में 20 के करीब लोग हैं. जो आर्थिक रूप से तो संस्था की मदद करते ही हैं. साथ में बच्चों के दूसरे कामकाज में भी वो सिमरन की मदद करते हैं. इस बीच सिमरन को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. शुरुआत में कमलेश परिवार के लिए वक्त नहीं निकाल पाती थी. जिस वजह से परिवार के लोग उनसे अक्सर खफा रहने लगे.