दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

ग्रोथ का फंडा: पेड़-पौधे भी आपस में करते हैं संवाद, एक साथ तेजी से होता है विकास - पेड़ पौधों में संवाद

हम इंशानो के अलावा जानवर तो फिर भी बोल लेते हैं वो आवाज निकालते हैं लेकिन क्या पेड़ पौधे भी बात करते हैं क्य उनको भी दर्द महसूस होता है इसकी खोज एक शताब्दी पहले ही जगदीश चंद्र बसु ने कर दी थी लेकिन हाल ही में एक शोध के बाद इसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ है

trees also talk each other
2 पौधे साथ में तेजी से ग्रोथ करते हैं

By

Published : Jul 18, 2023, 8:58 AM IST

इंदौर।पेड़ पौधों में भी जीवन होता है महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु की इस खोज के बाद अब प्लांट फिजियोलॉजी के जरिए यह भी साबित हो चुका है कि इंसानों की तरह पेड़ पौधों के बीच भी संवाद होता है. इतना ही नहीं एक ही प्रजाति के दो पौधे एक साथ लगाने पर अन्य पौधों की तुलना में उनकी वृद्धि तेजी से होती है. इंदौर के बॉटनिकल गार्डन केसर पर्वत पर भी इसी तरह के प्रयोग के बाद अब एक ही प्रजाति के समान पौधे एक साथ लगाए जाकर यह सफल प्रयोग किया हैं.

ऐसे हुई रिसर्च: दरअसल 1896 में पेड़ पौधों पर हुई महान वैज्ञानिक और बायोलॉजिस्ट जगदीश चंद्र बसु के रिसर्च के बाद 2019 में नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में स्पष्ट किया गया है कि हाई फ्रिकवेंसी उपकरणों से पौधों के बीच संवाद और फ्रीक्वेंसी को रिकॉर्ड किया जा सकता है इसी प्राचीन रिसर्च के आधार पर इंदौर के शिक्षा एवं पर्यावरणविद डॉ एसएल गर्ग ने 2016 में विकसित किए गए अपने बॉटनिकल गार्डन केसर पर्वत पर इस प्रयोग को कई सालों तक दोहराया जिसके फलस्वरूप आया कि यदि एक ही प्रजाति के दो समान पौधों को आसपास लगा दिया जाए तो दोनों में वृद्धि अन्य आसपास लगे अन्य प्रजातियों के पौधों से तुलनात्मक रूप से ज्यादा होती है यही मान्यता एक अकेले पौधे के लिए भी लागू होती है जो तेजी से नहीं बढ़ता.

2 पौधे साथ में तेजी से ग्रोथ करते हैं

एक ही जगह पर कई पौधों में शोध: डॉक्टर गर्ग बताते हैं कि 2 एक सामान पौधों को साथ में लगाने के अलावा जहां पर पौधों को लगाना है वहां 8 से 10 दिन तक बिना लगाए ही पौधे को वहीं छोड़ने से संबंधित पौधे मौके की परिस्थिति के अनुसार अनुकूल(acclimatization) हो जाता है. इसके बाद उसे लगाए जाने पर उसकी भी वृद्धि तत्काल लगाए जाने वाले पौधों की तुलना में ज्यादा होती है लिहाजा इंदौर में यह प्रयोग अब रंग ला रहा है फिलहाल केसर पर्वत पर हजारों की तादाद में जो जो पौधे लगाए गए हैं उनमें प्रजाति के अनुसार एकरूपता है जिसके फलस्वरूप केसर पर्वत पर कश्मीर इटली थाईलैंड के अलावा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पाए जाने वाले तमाम दुर्लभ और सामान्य पेड़ पौधे विकसित किए गए हैं. यहां एप्पल से लेकर बादाम अखरोट और कश्मीरी लकड़ी तैयार करने वाले बिलों के पेड़ भी लगाए गए हैं जो तेजी से वृद्धि कर बड़े पेड़ों में तब्दील हो चुके हैं.

Also Read

High Frequency उपकरणों से संवाद का अध्ययन:सन 1900 से 1935 के दौरान महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने हाई फ्रिक्वेंसी उपकरणों से यह साबित किया कि पौधे भी आपस में बात कर सकते हैं. जिनकी फ्रीक्वेंसी को जगदीश चंद्र ने रिकॉर्ड करके लोगों को सुना दिया था. हालांकि बाद में इस थ्योरी को लोगों ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. हालांकि बाद में कम्युनिकेशन इन प्लांट नामक पुस्तक में प्लांट इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के रिसर्च के बाद यही बात फिर से साबित हुई. इतना ही नहीं रिसर्च में पाया गया कि पेड़ पौधों के बीच भी कम्युनिकेशन के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना और लर्निंग कैपेसिटी भी होती है. इसके अलावा पेड़ पौधों को दर्द और नुकसान की भी फ्रीक्वेंसी के जरिए जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details