लखीमपुर खीरी:यूपी के लखीमपुर तिकुनिया हिंसा मामले का मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू 63 दिन जेल से बाहर रहने के बाद अब फिर जेल की सलाखों के पीछे होगा. सुप्रीम कोर्ट ने तिकुनिया हिंसा मामले में हाईकोर्ट का जमानत आदेश पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू की जमानत रद्द करते हुए एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही खीरी जिले में फिर मीडिया का जमावड़ा बढ़ गया है.
वहीं, आशीष मिश्र के लखीमपुर और तिकुनिया इलाके के बनवीरपुर गांव में सन्नाटा छाया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के संसदीय कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा है.वहीं, किसानों ने कहा कि उनका न्याय व्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है. तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में किसान आंदोलन कर रहे थे. आरोप है कि आंदोलनकारी किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू ने अपने साथियों के साथ थार जीप चढ़ाकर मौत के घाट उतार दिया था.
इस हादसे में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या में आशीष मिश्र और 13 अन्य आरोपी जेल भेजे गए. वहीं, तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी कर रही थी. एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट में आशीष को मुख्य आरोपी बताते हुए जानबूझकर सोची-समझी साजिश के तहत हत्या करने के आरोप लगाए. 10 फरवरी को इस मामले में हाईकोर्ट ने आशीष मिश्र को जमानत दे दी थी.