गंगटोक/दार्जिलिंग/ नई दिल्ली: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद कम से कम 17 शव बरामद किए जा चुके हैं. वहीं 22 सैन्यकर्मी समेत करीब 102 लोग लापता हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि मरने वाले सभी 14 लोगों की पहचान आम नागरिकों के रूप में की गई है, जिनमें से तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए थे. उन्होंने बताया कि सुबह लापता हो गए सेना के 23 जवानों में से एक को बाद में बचा लिया गया. वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इससे पहले राज्यपाल ने राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने जलपाईगुड़ी जिले के गाजोलडोबा में बैठक की.
बताया जाता है कि बुधवार को ताकामारी में तीन अज्ञात शव बरामद किए गए थे. वहीं गुरुवार की सुबह से मयनागुड़ी में 8, मेखलीगंज में 2, सदर ब्लॉक के नाथुआ चार में 1, तीस्ता के स्पर नंबर 6 में 1, नंदनपुर बोआलमारी के बहिर चार में 1, गाजोलडोबा में 1, क्रांति में 2, 1 शव बरामद किया गया है. इसी बीच सुबह तीस्ता नदी के विवेकानन्द पल्ली इलाके में सेना के बैग बरामद हुए. तीस्ता नदी से युद्ध में प्रयुक्त बड़े बैग, मशीनें और गोला-बारूद भी बरामद किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ की स्थिति चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई. सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की सूचना है. पाठक ने कहा कि चुंगथांग में तीस्ता चरण तीन बांध में कार्यरत कई कर्मचारी भी फंसे हुए हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है क्योंकि 14 पुल ढह गए हैं, जिनमें से नौ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन हैं और पांच राज्य सरकार के हैं.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 166 लोगों को बचाया गया है, जिनमें सेना का एक जवान भी शामिल है. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, 'बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है.' अधिकारियों ने बताया कि बचाव कर्मियों ने सिंगताम के गोलिटार में तीस्ता नदी के बाढ़ क्षेत्र से कई शव निकाले. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य में अचानक आयी बाढ़ से उपजे हालात की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया.
मोदी ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, 'सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की. चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं.' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना के लापता जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सिक्किम की स्थिति की समीक्षा की और पर्यटकों और सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया.