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Significance of Somvati Amavasya: सुहागिनों के लिए क्यों खास है सोमवती अमावस्या, शिव की पूजा से मिलेगा सदा सुहाग का वरदान ! - फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग

भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. मासिक कैलेंडर में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों ही आते हैं. लेकिन सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या का अपना अलग ही महत्व होता है. इस दिन पड़ने वाली अमावस्या को ही सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन शिव की आराधना करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है.Worship of Lord Shiva on Somvati Amavasya

Significance of Somvati Amavasya
सोमवती अमावस्या में बदल सकती है किस्मत

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Published : Feb 14, 2023, 8:22 PM IST

सोमवती अमावस्या में बदल सकती है किस्मत

रायपुर : हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बेहद खास महत्व होता है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सोमवती अमावस्या साल में एक या फिर दो बार आती है, लेकिन सोमवती अमावस्या का यह सुखद संयोग 30 साल बाद बना है. जिसमें गुरु, शुक्र, शनि स्वराशिगत होकर भ्रमण कर रहे हैं. शिव योग का निर्माण कर रहे हैं. विवाहित महिलाओं द्वारा सोमवती अमावस्या के दिन अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत किया जाता है. 20 फरवरी सोमवार को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. कई सुखद संयोग सोमवती अमावस्या पर बन रहे हैं.



सुहागिनों के लिए क्यों खास है सोमवती अमावस्या :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "इस साल सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन 20 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं. अन्य अमावस्या की तुलना में इसका महत्व ज्यादा होता है. इस तिथि के स्वामी पितृ माने जाते हैं. इस दिन स्नान दान करने से पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. पूर्वजों की कृपा से परिवार में खुशहाली आती है."






सोमवती अमावस्या के दिन तर्पण :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "इस साल की फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है. इस दिन अमावस्या होने से पूजा और तर्पण को 2 गुना फल प्राप्त होता है. यह दिन और योग दोनों ही महादेव को समर्पित है. मंत्र, जाप, तप, श्राद्ध कर्म करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है."



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सोमवती अमावस्या में कैसे करें पूजा : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के नाम जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा में तर्पण करें. इस दिन तर्पण करने से पितरों को तृप्ति मिलती है, और आशीर्वाद भी देते हैं. पीपल के वृक्ष की पूजा करें दूध चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा लगाएं. पीपल के नीचे दीपक जलाएं, ऐसा करने से परिवार में खुशहाली आती है. भगवान विष्णु के अलावा पितरों के निमित्त गीता के सातवें अध्याय का पाठ करना चाहिए. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का एक पौधा लगाएं, ऐसा करने से पितर खुश होते हैं, और आर्थिक स्थिति सुधरती है."

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