फतेहाबाद: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड मामले में पंजाब पुलिस ने फतेहाबाद से तीसरी गिरफ्तारी (punjab police arrested one more suspect) की है. पंजाब पुलिस द्वारा फतेहाबाद के मुसेअहली गांव से देवेंद्र उर्फ काला को गिरफ्तार (Punjab Police Arrest Devendra Kala From Fatehabad) किया है. देवेंद्र उर्फ काला पर आरोप है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के दो अन्य आरोपियों केशव और चरणजीत 16 और 17 मई को उसके घर आए थे. इस दौरान वे दोनो देवेंद्र के घर रुके थे. केशव और चरणजीत पंजाब के रहने वाले हैं. हाल ही में एक सीसीटीवी फुटेज में केशव और चरणजीत उस बोलेरो गाड़ी में सवार दिखाई दिए थे जिसका इस्तेमाल सिंगर मूसेवाला की हत्या में हुआ था. इस दौरान केशव के साथ सोनीपत के दो गैंगस्टर अंकित जाटी और प्रियव्रत फौजी भी साथ दिखाई दिए थे.
दरअसल हाल ही में पंजाब पुलिस को फतेहाबाद में स्थित एक पेट्रोल पंप से एक सीसीटीवी मिला (Moosewala Murder Case Fatehabad Connection) था. पंजाब पुलिस की थ्योरी है कि इस सीसीटीवी फुटेज में वही बोलेरो गाड़ी है जो सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल की गई थी. पुलिस को मिले इस सीसीटीवी फुटेज में सोनीपत के दो बदमाशों अंकित जाटी और प्रियव्रत फौजी ने पेट्रोल भरवाया था. उसी गाड़ी में चरणजीत और केशव भी सवार थे.
पेट्रोल पंप से मिला था पुलिस को ये सीसीटीवी- रविवार 29 मई को पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu MooseWala Murder Case) की गई थी. हत्या से 4 दिन पहले यानी 25 मई को एक बोलेरो गाड़ी को हरियाणा में रतिया चुंगी से जाते हुए सीसीटीवी फुटेज में देखा गया. फिर यही बोलेरो गाड़ी हांसपुर रोड से होते हुए हांसपुर की ओर रवाना हो गई. बताया जा रहा है कि यह वही बोलेरो है जो सिद्दू मूसावाला हत्या से तीन चार दिन पहले रेकी के लिए इस्तेमाल की गई थी.
फतेहाबाद से पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारियां-बता दें कि पंजाब पुलिस ने इसी फुटेज के आधार पर 2 जून को फतेहाबाद के भिरड़ाना गांव से दो लोगों को गिरफ्तार किया था. पंजाब पुलिस के मुताबिक इन दोनों पर पंजाब में हत्या का मामला दर्ज है. इनकी पहचान पवन और नसीब के रूप में हुई थी. इन दोनो पर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल होने का भी संदेह है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बोलेरो गाड़ी को नसीब राजस्थान के रावतसर से लेकर आया था. इसके बाद भिरड़ाना गांव के रहने वाले नसीब ने चरणजीत और केशव को बोलेरो गाड़ी फतेहाबाद के रतिया चुंगी पर सौंप दी. इसके बाद पंजाब का रहने वाला चरणजीत इस गाड़ी को लेकर पंजाब गया था.