चंडीगढ़ : पंजाब के महाधिवक्ता ए पी एस देओल द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू पर गलत सूचना फैलाने और उनके काम में बाधा डालने का आरोप लगाने के एक दिन बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने रविवार को पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि महाधिवक्ता की 'सरासर निष्क्रियता’ बेअदबी और नशीले पदार्थ से जुड़े मामलों में न्याय को प्रभावित कर रही है.
महाधिवक्ता ने शनिवार को सिद्धू पर राज्य सरकार और उनके कार्यालय के कामकाज में बाधा डालने और 'राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गलत सूचना फैलाने' का आरोप लगाया था. सिद्धू ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में देओल की आलोचना करते हुए कहा, 'न्याय अंधा है लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं.'
सिद्धू ने कहा, 'महाधिवक्ता. न्याय अंधा है, लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं. हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय देने के वादे के साथ सत्ता में आई, जिसमें आप मुख्य साजिशकर्ताओं, आरोपियों के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और हमारी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए.'
सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'आज आप उसी राजनीतिक दल की सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो सत्ता में है और मुझ पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि मैं बेअदबी के मामलों में न्याय के लिए लड़ रहा हूं और आप आरोपियों के लिए जमानत जुटा रहे थे.'
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता के रूप में देओल की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं. देओल ने 2015 में बेअदबी के बाद पुलिस की गोलीबारी की घटनाओं से जुड़े मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था.
सिद्धू ने आरोप लगाया, 'एक चरित्रवान व्यक्ति सही मकसद के साथ सही उद्देश्य के लिए सही काम करता है. आपकी सरासर निष्क्रियता न्याय सुनिश्चित करने के बजाय स्पष्ट रूप से उसे प्रभावित कर रही है.'