चंडीगढ़ : पंजाब में नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरकरार है. सीएम पद के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है. सूत्रों के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खुद सीएम बनना चाहते हैं और सिद्धू कैंप के विधायक लगातार पार्टी प्रभारी हरीश रावत और पार्टी पर्यवेक्षकों पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि दोबारा सीएलपी की बैठक बुलाई जाए. हालांकि, पार्टी पर्यवेक्षकों ने इससे इनकार कर दिया है, क्योंकि इस संबंध में बैठक हो चुकी है और प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को भेज दिए गए हैं.
पर्यवेक्षकों का कहना है कि अब केंद्रीय नेतृत्व ही जिस नाम को फाइनल करेगा, वही आखरी फैसला होगा. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के सिद्धू को लेकर दिए गए बयान के बाद केंद्रीय नेतृत्व के लिए सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाना आसान नहीं होगा, इसलिए वह किसी अन्य विकल्प पर भी कार्य कर रहा है. क्योंकि पार्टी हाईकमान जानता है कि कैप्टन के इस बयान के बाद सिद्धू को अगर मुख्यमंत्री बनाया तो पार्टी में गुटबाजी हो जाएगी और जो हालात हैं वे सुधरने के बजाय बिगड़ जाएंगे.
इस बीच कांग्रेस विधायक कुलदीप वेद ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा कोई छोटी बात नहीं, ऐसा क्यों हुआ इसका बहुत बड़ा बैकग्राउंड है. इस फैसले से ज्यादातर विधायक खुश नहीं है. हमारी सरकार ने साढ़े चार साल में अच्छे काम किए. कुछ मुद्दों की लड़ाई थी जिसकी वजह से ऐसा हुआ.
सीएम रेस में शामिल कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि सीएम के नाम पर जल्द फैसला होगा. साथ ही रंधावा ने कहा कि उन्हें सीएम बनने की लालसा नहीं हैं. वह कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में ही खुश हैं.