बेंगलुरु: कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि भारतीय जनता पार्टीऔर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. साथ ही कहा कि अर्द्धनिर्मित मंदिर का चुनावी लाभ के लिए उद्घाटन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया समर्थन:कांग्रेस पार्टी के इस फैसले का कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने समर्थन किया है और कहा कि एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर चौधरी ने सही फैसला लिया है. जो अयोध्या में होने वाले रामलला उद्घाटन कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे हैं.
'यह धार्मिक नहीं पार्टी कार्यक्रम है':मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि एक धार्मिक कार्यक्रम जिसे जाति, धर्म, पार्टी, पंथ का भेदभाव किए बिना सभी को शामिल करके भक्ति और सम्मान के साथ आयोजित किया जाना चाहिए, उसे एक पार्टी कार्यक्रम में बदल दिया गया है. इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ परिवार के नेताओं ने भगवान राम और देश के 140 करोड़ लोगों का अपमान किया है. यह सभी हिंदुओं के साथ विश्वासघात है कि एक धार्मिक कार्यक्रम जिसे भक्ति के साथ आयोजित किया जाना था, उसे राजनीतिक प्रचार अभियान में बदल दिया गया है.