राम मंदिर में देवी देवताओं की प्रतिमा के लिए पत्थरों की तलाश जारी. अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में एक तरफ भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण 24 घंटे अनवरत जारी है. ग्राउंड फ्लोर पर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अब परिसर में देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापना के लिए स्थान का चयन किया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे गर्भ गृह के चारों तरफ बने परकोटे में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित होनी है. इन प्रतिमाओं को तैयार करने के लिए पत्थरों की शिलाओं का चयन करने के लिए विशेषज्ञों की टीम राजस्थान सहित अन्य जगहों पर जा चुकी है.
अयोध्या में हो रहा राम मंदिर का निर्माण सुंदर दिखने वाली प्रतिमाओं के लिए शिला का चयन चुनौती:भगवान रामलला के मंदिर परिसर में गर्भ गृह के चारों तरफ बने परकोटे में मां दुर्गा, भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान विष्णु, हनुमान सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा लगाई जानी है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट चाहता है कि जिस प्रकार से भगवान राम की प्रतिमा के निर्माण के लिए सदियों तक सुंदर और उसी अवस्था में बनी रहने वाली शिला का चयन किया गया है. इसी तरह से अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के लिए शिलाओं का चयन किया जाए.
पत्थर की विशेषज्ञ कर रहे हैं खोज:सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट इस विषय पर विचार कर रहा है कि प्रतिमाओं के निर्माण के लिए प्रसिद्ध राजस्थान या दक्षिण भारत से बनी बनाई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं परिसर में स्थापित कराई जाए. अन्यथा फिर देश के जिन शहरों में मजबूत और टिकाऊ सुंदर पत्थर मिलते हैं. वहां से पत्थरों का चयन कर उन्हें अयोध्या लाकर विशेषज्ञ मूर्तिकारों से प्रतिमाओं का निर्माण कराया जाए. इसको लेकर ट्रस्ट ने विशेषज्ञों की टीम अलग-अलग शहरों में रवाना की है.
भगवान शिव के शिवलिंग को लाया गया अयोध्या:भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्रतिमा के अलावा जिन देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की स्थापना होनी है. उसमें भगवान शिव के शिवलिंग को अयोध्या लाया जा चुका है. हालांकि, ट्रस्ट के पदाधिकारी खुले तौर पर अभी इस बात को स्वीकार कर नहीं बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर से लाए गए नर्वदेश्वर महादेव को ही परकोट के अंदर स्थान मिलेगा या फिर शालिग्राम पत्थर की तरह इन्हें भी विचार के लिए रखा जाएगा.
हालांकि, दावा इस बात का है कि नर्मदा नदी से निकाल के लाए गए शिलाखंड से तैयार किए गए शिवलिंग को ही राम मंदिर के परकोटे में स्थान मिलेगा. यह शिवलिंग दो दिन पहले ही अयोध्या पहुंचा है. शिवलिंग की विशेषता यही है कि यह शिलाखंड नर्मदा नदी से निकाला गया है. पौराणिक मान्यता है कि नर्मदा नदी में मौजूद हर पत्थर भगवान शिव का रूप है. जिसके कारण नर्मदा नदी से निकाले गए पत्थर से बने शिवलिंग को राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित करना लगभग तय माना जा रहा है.
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