दिल्ली

delhi

प्रशासन-किसानों की विफल रही वार्ता, किसानों ने करनाल लघु सचिवालय का किया घेराव

By

Published : Sep 7, 2021, 11:47 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 1:01 AM IST

किसानों और सरकार में टकराव (karnal farmer protest) बढ़ता जा रहा है. प्रशासन के साथ दो दौर की बातचीत असफल रहने के बाद अब किसानों ने मिनी सचिवालय का घेराव कर लिया है. किसान मिनी सचिवालय के गेट पर धरने पर (karnal farmer secretariat gherav) बैठ गए हैं.

किसानों ने करनाल सचिवालय का घेराव किया
किसानों ने करनाल सचिवालय का घेराव किया

करनाल :पिछले महीने पुलिस लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा की भाजपा नीत सरकार के साथ तनातनी के बीचबड़ी संख्या में किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर लिया है. फिलहाल किसान लघु सचिवालय के बाहर ही धरना दिए बैठे हुए हैं. लाठीचार्ज के बाद किसान अपनी मांग पर अड़ गए हैं तो सरकार भी सख्त है. इसी सिलसिले में करनाल में मंगलवार को महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) की गई.

आखिरकार किसानों ने जो कहा वो कर डाला, शाम होते-होते किया सचिवालय का घेराव

यह घेराव शाम को शुरू हुआ. इससे कई घंटे पहले हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार होकर महापंचायत के लिए करनाल की नई अनाज मंडी पहुंचे. महापंचायत स्थल से पांच किलोमीटर दूर मिनी सचिवालय तक पैदल मार्च करते हुए किसानों का सामना परिसर के पास पानी की बौछारों से हुआ. किसानों ने कुछ बैरिकेड पार कर लिए लेकिन रास्ते में पुलिस के साथ कोई गंभीर टकराव नहीं हुआ.

पुलिस ने किया वॉटर कैनन का इस्तेमाल

इस बीच हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने और कांग्रेस के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह किसानों के खिलाफ नहीं है और वास्तव में, उनके कल्याण के लिए कई पहल की है जो किसी अन्य सरकार ने नहीं की.

करनाल में बीते दिनों किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने महापंचायत बुलाई थी और साथ ही करनाल मिनी सचिवालय घेरने का एलान किया था. लाठीचार्ज के बाद से ही किसानों में उबाल है. लाठीचार्ज को लेकर तत्कालीन करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एसडीएम किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें-किसान महापंचायत : कूच कर रहे किसान नेता हिरासत में, राकेश टिकैत बोले- सरकार की मंशा टकराव की स्थिति पैदा करना

किसानों की नाराजगी की यही सबसे बड़ी वजह है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के सामने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग सहित तीन मांगें रखी थी और 6 सितंबर तक का समय दिया था. सरकार ने मांगें नहीं मानी और किसानों के हंगामे का दिन आ गया.

किसान महापंचायत और लघु सचिवालय घेराव को लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा. करनाल जिले में धारा-144 लागू की गई और सोमवार रात 12 बजे से करनाल जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं है. दिल्ली से चंडीगढ़ और अंबाला जाने वाला हाइवे का ट्रैफिक भी डायवर्ट कर दिया गया है. पूरे जिले में प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई.

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने भी कहा कि आंदोलन को देखते हुए सरकार की ओर से करनाल में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. करनाल में पुलिस की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर सारी व्यवस्था को संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरी तरह से तैयार है और आंदोलन में किसी तरह का कोई हादसा नहीं होने दिया जाएगा.

मिनी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे राकेश टिकैत

बहरहाल मंगलवार को करनाल में महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी पहुंचे. वहीं मामले को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को दो बार बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन दोनों बार वार्ता विफल रही.

प्रशासन से बातचीत के बाद किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारी प्रशासन के साथ तीन राउंड बात हुई. जिसमें 15 सदस्य दल शामिल थे, जिसमें राष्ट्रीय नेतृत्व, राज्य नेतृत्व व स्थानीय नेता शामिल रहे. उन्होंने कहा कि हमने महाभारत की तरह पांच गांव वाली बात पर मामला खत्म करने के लिए करनाल प्रशासन से बिल्कुल न्यूनतम बात की है कि करनाल एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उसे निलंबित किया जाए, लेकिन प्रशासन नहीं माना, जिस कारण वार्ता विफल रही.

वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की मंशा टकराव की स्थिति पैदा करना है. सरकार हल ही नहीं निकालना चाहती. प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद किसान जिला सचिवालय का घेराव करने के लिए निकले. जिला सचिवालय की ओर जाते समय किसान नेता राकेश टिकैत और प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस की तैनाती का सामना करना पड़ा. इसके बाद किसान पुलिस बैरिकेड़ तोड़ते हुए आगे बढ़ गए. वहीं किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने भी वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.

ये भी पढ़ें-करनाल महापंचायत: प्रशासन के साथ किसानों की दूसरी बातचीत भी विफल

बहरहाल जोरदार प्रदर्शन, बैरिकेड़ तोड़ने और पानी की बौछारों के बीच किसानों ने जिला सचिवालय घेर लिया. किसान नेता राकेश टिकैत बाकी किसानों के साथ सचिवालय के गेट पर ही धरने पर बैठ गए हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे. रात होते-होते किसानों ने लंगर भी लगा लिया और सचिवालय के बाहर ही खाना भी खाया. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने धरना दे दिया है जब तक प्रशासन मांगें नहीं मानती है तब तक धरना चलेगा और लंगर भी जारी रहेगा.

Last Updated : Sep 8, 2021, 1:01 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details