नई दिल्ली :राज्यसभा के पूर्व सदस्य और कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा जैसे लोग सोचते हैं कि 2019 का इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध कानून अधिक कठोर है क्योंकि यह कम हानिकारक ई-सिगरेट के दरवाजे को पूरी तरह से बंद कर देता है. वहीं, अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ई-सिगरेट और वैपिंग वास्तव में धूम्रपान की ओर ले जाता है और लोगों को सिगरेट की लत छोड़ने में मदद नहीं करता है.
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम:सितंबर 2019 में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) अधिनियम 2019 लागू किया जो जेयूयूएल (JUUL) जैसे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के लिए दरवाजे बंद कर देता है.
राजीव गौड़ा मानते हैं कि इन निकोटीन उत्पादों के पीछे के विज्ञान को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन कहते हैं कि लोगों को धूम्रपान से दूर करने के लिए कम हानिकारक तरीकों की अनुमति देने की आवश्यकता है. गौड़ा का कहना है कि 2019 में भी उन्होंने पूर्ण प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सुझाव दिया क्योंकि इससे भूमिगत गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
गौड़ा ने नई दिल्ली में पॉलिसी सर्कल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'यह जरूरी है कि तंबाकू से होने वाले नुकसान को कम करने, लोगों को पर्याप्त जानकारी प्रदान करने् जैसे प्रयासों को बढ़ाने के लिए नियमों को विकसित किया जाए. इससे लोगों को इन एडिक्शनों से दूर करने में मदद मिलेगा. आपको वैकल्पिक तरीकों की आवश्यकता है जो लोगों को एक समयावधि में इन एडिक्शनों को दूर करने में मदद करेगा.
इस विषय पर एक पॉलिसी पेपर पर काम कर रहे पूर्व राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ेंगे जो बहुत अधिक तर्कसंगत हो और लोगों को अपनी अनैच्छिक लत से दूर जाने की अनुमति देगा. हालांकि, कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस सुझाव से पूरी तरह असहमत हैं कि ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) के उपयोग को तंबाकू नियंत्रण उपाय के रूप में अपनाया जाना चाहिए.
ICMR विशेषज्ञ पैनल ने पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की:प्रसिद्ध सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ के श्रीनाथ रेड्डी ने ई-सिगरेट पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के विशेषज्ञ समूह की अध्यक्षता की थी. उन्होंने मई 2019 में देश में ई-सिगरेट की अनुमति के खिलाफ वकालत की थी. रेड्डी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, 'इस समय ईएनडीएस (ENDS) या ई सिगरेट जैसे उत्पाद का विपणन, अप्रमाणित लाभ, लत और स्वास्थ्य जोखिमों से संभावित नुकसान के साथ तंबाकू नियंत्रण उपायों के लिए नुकसानदेह है. इसपर सरकार सितंबर 2019 में देश में ई-सिगरेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश जारी की.