हैदराबाद :देश में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट गहराने लगा है. हालात यह है कि 5 अक्टूबर को तक कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट में से 106 क्रिटिकल या सुपरक्रिटिकल स्टेज में थे. बिजली मंत्री आर के सिंह ने दावा किया है कि कोयले की घरेलू आपूर्ति पर्याप्त है. देश में पावर प्लांट के पास औसतन 4 दिन के लिए कोयले का स्टॉक है. केंद्र सरकार सुनिश्चित कर रही है कि जहां भी जरूरी है, कोयला पहुंचे. हालांकि उन्होंने माना है कि पावर प्लांट्स के पास पहले की तरह 17 दिन का कोल स्टॉक होल्डिंग नहीं है. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा कि उन्होंने देश में कोयला उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की है. कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिनों की कोयला मांग पूरा करने के लिए पर्याप्त 43 मिलियन टन कोल स्टॉक उपलब्ध है.
राजस्थान की सूरतगढ़ थर्मल में भी असर :कोयले की कमी के चलते राजस्थान राज्य बिजली उत्पादन निगम की 8 से अधिक इकाइयों में बिजली का उत्पादन पूरी तरह बंद है. कुछ इकाइयों में उत्पादन का कार्य प्रभावित हो रहा है. सूरतगढ़ थर्मल में 250 यूनिट क्षमता की 5 इकाइयों में उत्पादन बंद है. सूरतगढ़ की ही 660 मेगावाट की एक अन्य इकाई भी कोयले की कमी के चलते बंद है. इसी तरह छबड़ा की 250 मेगावाट की इकाइयों में भी बिजली उत्पादन बंद है.
कर्नाटक में बिजली का प्रोडक्शन कम हुआ :कर्नाटक के रायचूर थर्मल पावर स्टेशन भी कोयले की किल्लत हो गई है. इस कारण स्टेशन की 8 यूनिटों में 4 से ही बिजली का उत्पादन हो रहा है. रायचूर थर्मल पावर स्टेशन की कपैसिटी 1720 मेगावॉट है, मगर यहां सिर्फ 660 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है. सामान्य दिनों में यहां 11 कोल रैक का उपयोग होता था, अभी सिर्फ 3-4 कोल रैक का उपयोग हो रहा है. एक कोल रैक में 700-800 टन कोयला होता है.
उत्तरप्रदेश में भी पावर प्लांट की यूनिटें :यूपी के रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी परियोजना में कोयले का संकट लगातार गहराता जा रहा है. चार दिन पहले यहां की यूनिट नम्बर 6 को बंद किया गया था. अब अब यूनिट नंबर 2 को भी बंद किया गया है. परियोजना में इस समय 1550 मेगावाट की जगह लगभग 840 मेगावाट ही बिजली उत्पादन किया जा रहा है. ऊंचाहार एनटीपीसी से ही उत्तरी ग्रिड के जरिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा , दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर जैसे देश के नौ राज्यों को बिजली की आपूर्ति की जाती है.
इसके अलावा शाहजहांपुर स्थित रोजा के रिलायंस थर्मल प्लांट की 300 मेगावॉट की एक यूनिट को बंद किया गया है. इसके अलावा पारीछा और ललितपुर प्लांट की एक यूनिट से उत्पादन ठप है. उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 17000 मेगावाट है, जबकि मौजूदा समय में 15000 मेगावाट के आसपास बिजली उपलब्ध है.