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Shekhawat defamation case: राजस्थान के CM अशोक गहलोत को झटका, सेशन कोर्ट ने समन रद्द करने से किया इनकार

मंगलवार को राजस्थान के CM अशोक गहलोत को बड़ा झटका लगा है. शेखावत मानहानि मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया. साथ ही 7 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति दी है.

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Published : Aug 1, 2023, 5:51 PM IST

Updated : Aug 1, 2023, 10:00 PM IST

नई दिल्ली:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में झटका लगा है. दरअसल, मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को मंगलवार को सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने रद्द करने से मना कर दिया. गहलोत समन के खिलाफ सोमवार को सेशन कोर्ट गए थे. जिस पर मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में जज एमके नागपाल ने सुनवाई की.

गहलोत की ओर से वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और मोहित माथुर ने दलीलें पेश की. जबकि, शेखावत की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा पेश हुए. दोपहर ढाई बजे शुरू हुई सुनवाई तीन बजे तक चली. इसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने पांच बजे फैसला सुनाते हुए गहलोत के खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार करते हुए उन्हें सात अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति दे दी.

कोर्ट में दोनों पक्षों ने दी दलीलेंः कोर्ट में बहस के दौरान अशोक गहलोत के वकील दयान कृष्णन ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक गृहमंत्री के रूप में बयान दिया था. मुख्यमंत्री होने के साथ ही वह राज्य के गृह मंत्री भी हैं. इसलिए एसओजी उन्हें रिपोर्ट करती है. संजीवनी घोटाले की जांच कर रही एसओजी की जांच रिपोर्ट के आधार पर गहलोत ने बयान दिया था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत के माता-पिता और पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है.

गहलोत ने एसओजी अधिकारियों से मिली जानकारी को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सार्वजनिक किया था. इसलिए जारी किए गए समन पर रोक लगाए जाने की जरूरत है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के वकील ने कहा कि संजीवनी घोटाले की शिकायत में शेखावत के परिवार का नाम कहीं शामिल नहीं था. मानहानि का केस दर्ज होने के बाद एसओजी ने कथित तौर पर शेखावत के परिवार के नाम शामिल किए गए हैं. इसलिए समन पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए.

कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का दिया था आदेशः छह जुलाई को राउज एवेन्यू स्थित एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने गहलोत को समन जारी कर सात अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था. शेखावत ने कथित मानहानि के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. साथ ही कथित संजीवनी घोटाले से संबंधित टिप्पणियों पर शेखावत की शिकायत के बाद गहलोत को तलब किया था. यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है.

यह भी पढ़ेंः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की बढ़ी मुश्किलें, चित्तौड़गढ़ में मानहानि का मुकदमा दर्ज

तीन बिंदुओं पर जांच करने का आदेशः कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया था कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत को आरोपी कहकर संबोधित किया था? क्या अशोक गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में आरोप साबित हुआ? संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है या फिर ये लोग मामले में आरोपी के तौर पर शामिल हैं. बता दें, संजीवनी घोटाले को लेकर एक मामला राजस्थान हाईकोर्ट में भी लंबित है, जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम शामिल हैं. इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट में कई दौर की सुनवाई हो चुकी है.

Last Updated : Aug 1, 2023, 10:00 PM IST

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