मुंबई :भाजपा के 12 विधायकों को सोमवार को विधानसभा से एक साल के लिये निलंबित कर दिया गया था. राज्य सरकार ने उन पर विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया था.
विधान परिषद के सदस्यों ने पूछा कि कैसे कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के दौरान कुछ पूर्व विधायक विधान भवन परिसर में आकर मामले पर रिपोर्ट मांग सकते हैं. सुरक्षाकर्मियों ने बाद में भाजपा सदस्यों को लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने से रोक दिया लेकिन वे प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Leader of Opposition in the Assembly Devendra Fadnavis) ने आरोपों को झूठा करार दिया था और कहा था कि घटना को लेकर जाधव का विवरण एकतरफा है. भाजपा के कई विधायक मंगलवार को विधानमंडल भवन की सीढ़ियों पर बैठ गए और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. एमवीए में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं. फडणवीस ने नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने विरोध स्वरूप विधानमंडल परिसर में एक समानांतर सत्र आयोजित किया.
फडणवीस ने भाजपा विधायक कालिदास कोलमकर (BJP MLA Kalidas Kolamkar) को (समानांतर) सदन का अध्यक्ष घोषित किया और एक चर्चा का प्रस्ताव पेश किया. विपक्षी विधायकों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 12 भाजपा विधायकों को झूठे आरोपों के आधार पर निलंबित किया गया.
उन्होंने कहा कि आज, मैं यहां इस सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश कर रहा हूं और मैं सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि इस पर चर्चा शुरू करें. विधानसभा के अंदर, राकांपा नेता और प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव को सोशल मीडिया पर धमकी दी जा रही हैं. उन्होंने उनके लिये सुरक्षा की मांग की.